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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: बुधवार, 19 अप्रैल 2017 (18:15 IST)

हिंसा में तेजी, अमरनाथ यात्रा ने बढ़ाई चिंता

हिंसा में तेजी, अमरनाथ यात्रा ने बढ़ाई चिंता - Amarnath Yatra Kashmir
श्रीनगर। पिछले डेढ़ महीने से कश्मीर में हिंसा में आई तेजी के बाद अधिकारियों की चिंता अमरनाथ यात्रा को लेकर बढ़ने लगी है। यह चिंता इसलिए भी है क्योंकि सीमा पार से मिले संदेश भी कहते हैं कि पाकिस्तान की कोशिश इस बार अमरनाथ यात्रा में जबरदस्त खलल डालने की होगी जिसकी खातिर बीसियों आतंकियों को भी वह इस ओर धकेलने में कामयाब हुआ है।
 
ऐसे में जबकि कश्मीर में टूरिस्टों का इंतजार सभी को हो रहा है, कश्मीर पुलिस यह कहकर सभी को डराने में जुटी है कि सेना एलओसी से होने वाली घुसपैठ को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। पुलिस ने यह भी दावा किया है कि पिछले तीन महीनों में दो दर्जन से आतंकी बरास्ता एलओसी कश्मीर में घुसने में कामयाब रहे हैं।
 
आंकड़ों पर एक नजर दौड़ाएं तो पिछले डेढ़ महीने के भीतर आतंकी करीब तीन दर्जन हमलों को अंजाम दे चुके हैं। पांच लोगों को भी मौत के घाट उतारा जा चुका है तथा आठ हथगोलों के हमले भी हो चुके हैं। पत्थरबाज भी कश्मीर को उबाल पर रखे हुए हैं। आतंकी हमलों में तेजी ऐसे समय में आई है जबकि राज्य सरकार अमरनाथ यात्रा की तैयारियों में जुटी हुई है। अभी तक राज्य में शांति के लौटने के दावा करने वाली राज्य की गठबंधन सरकार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के प्रति बेफिक्र थी, लेकिन आतंकी हमलों में आई अचानक और जबरदस्त तेजी ने उसके पांव तले से जमीन खिसका दी है।
 
नतीजतन केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी राज्य सरकार की मदद को आगे आना पड़ा है। केंद्रीय गृहमंत्रालय के कई अधिकारी पिछले कई दिनों से राज्य में डेरा डाले हुए हैं और उनके द्वारा कई सूचनाओं को कश्मीर पुलिस के साथ सांझा करने के बाद कश्मीर पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा की खातिर थ्री टियर सुरक्षा व्यवस्था आरंभ कर दी है।
 
जानकारी के मुताबिक, आतंकी बेस कैम्पों पर हमलों की योजनाओं को अंजाम दे सकते हैं जिनको रोकने की खातिर जम्मू स्थित बेस कैम्प की सुरक्षा का जिम्मा कमांडो के हवाले करने की तैयारी की जा रही है तथा भगवती नगर स्थित बेस कैम्प के साथ सटे निक्की तवी के एरिया में तलाशी अभियानों के लिए सेना की मदद इसलिए ली जा रही है क्योंकि कई बार इस इलाके से हथियार और गोला बारूद बरामद किया जा चुका है। यह इलाका घुसपैठियों का खास रहा है।
 
दूसरी ओर जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय को भिजवाई गई पुलिस की रिपोर्ट कहती है कि कश्मीर के तीन सेक्टरों- केरण, उड़ी और गुरेज से  करीब दो दर्जन आतंकियों ने घुसपैठ करने में कामयाबी हासिल की है।
 
हालांकि कश्मीर पुलिस की रिपोर्ट तीन महीनों में दो दर्जन से अधिक आतंकियों के घुसने का दावा करती है तो कश्मीर पुलिस के अधिकारी 15 से 16 के घुसने की पुष्टि करते हुए कहते थे कि यह डाटा विभिन्न तरीकों से जुटाया जाता है। पर सेना प्रवक्ता ऐसी किसी जानकारी और डाटा के प्रति इंकार करते हुए कहते थे कि फिलहाल वे इस रिपोर्ट की प्रति का इंतजार कर रहे हैं।
 
ऐसे में हालत यह है कि आतंकियों की घुसपैठ और उन्हें रोकने में पाई जाने वाली नाकामी के दावों के बीच कश्मीर आने वाले खौफजदा होने लगे हैं। दरअसल यह मुद्दा ऐसे समय में उठा है जबकि कश्मीर में टूरिस्ट सीजन आरंभ होने वाला है। पर पुलिस के नए दावों से टूरिज्म इंडस्ट्री पर नया खतरा मंडराने लगा है। इसे टूरिज्म से जुड़े लोग भी मानने लगे हैं। जिनका कहना था कि पुलिस और सेना की यह लड़ाई अगर यूं ही चली तो कश्मीर में इस बार का पर्यटन सीजन आरंभ ही नहीं हो पाएगा।
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