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Last Updated : शुक्रवार, 2 अगस्त 2024 (14:38 IST)

कांग्रेस ने लगाया आयुष्मान भारत योजना के नाम पर भ्रष्टाचार का आरोप

कहा कि निजी अस्पतालों को मरीज उपलब्ध कराने वाली योजना बनकर रह गई है आयुष्मान भारत

कांग्रेस ने लगाया आयुष्मान भारत योजना के नाम पर भ्रष्टाचार का आरोप - Allegations of corruption in the name of Ayushman Bharat scheme
नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इलाज के नाम पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह निजी अस्पतालों को मरीज उपलब्ध कराने की योजना बनकर रह गई है। केंद्रीय बजट में वर्ष 2024-25 के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने यह भी कहा कि सरकार को सार्वभौमिक स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाना होगा।
 
इलाज के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा : उन्होंने दावा किया कि आयुष्मान भारत योजना निजी अस्पतालों को मरीज उपलब्ध कराने वाली योजना बनकर रह गई है और इसका मूल उद्देश्य प्राप्त नहीं हो रहा है। अनवर ने दावा किया कि कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार इस योजना में इलाज के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है और मरीजों को कम तथा निजी अस्पतालों को अधिक लाभ हो रहा है।

 
कांग्रेस सांसद ने देश में 'स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने' का दावा करते हुए कहा कि कभी चिकित्सकों की तुलना भगवान से की जाती थी लेकिन आज चिकित्सा का पेशा व्यवसाय का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि एक होड़ चल रही है कि कैसे इस माध्यम से अधिक से अधिक धन जमा किया जाए।
 
अनवर ने कहा कि आज देश में जरूरी तथा जीवनरक्षक दवाएं बहुत महंगी हो गई हैं और आम आदमी तथा गरीब जनता की पहुंच से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में चिकित्सा सुविधाएं लोगों तक पहुंचाने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य क्षेत्र में अत्यधिक निवेश की महती आवश्यकता है।

 
अनवर ने कहा कि कोविड महामारी ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि सरकार से आशा की जा रही थी कि इस बजट में सार्वजनिक स्वास्थ्य वित्तपोषण में मौजूदा अंतराल को पाटने का काम किया जाएगा, कुछ दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान किया जाएगा, मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जाएगा तथा अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
 
उन्होंने इशारा किया कि इन सभी पहलुओं पर बजट में कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि 2024-25 के संघीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 90,959 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, लेकिन पिछले कुछ सालों में कुल बजट में स्वास्थ्य बजट की हिस्सेदारी घटी है।
 
अनवर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 के माध्यम से 2025 के स्वास्थ्य बजट को देश की जीडीपी के 2.5 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने संसद की एक स्थायी समिति की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट आवंटन की सरकार की प्रवृत्ति का राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 में निर्धारित 2.5 प्रतिशत स्वास्थ्य बजट के लक्ष्य के साथ कोई मेल नहीं है और सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta