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Last Modified: मुंबई , मंगलवार, 4 अगस्त 2015 (23:31 IST)

याकूब को फांसी का बचाव किया एनएसए डोभाल ने

याकूब को फांसी का बचाव किया एनएसए डोभाल ने - Ajit doval
मुंबई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को राष्ट्र के व्यापक हित में मौत की सजा का बचाव किया और 1993 के मुंबई विस्फोटों के दोषी याकूब मेमन की फांसी पर सवाल उठाने वाले लोगों की निंदा की।
मेमन की फांसी के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के बयानों को नामंजूर करते हुए डोभाल ने कहा कि जो कुछ देश के व्यापक हित में है, होना चाहिए।
 
डोभाल ने मंगलवार को शाम यहां एक व्याख्यान में कहा, पिछले गुरुवार की शाम को किसी ने मुझे एक महत्वपूर्ण नेता का बयान ट्वीट किया कि सरकार प्रायोजित हत्याएं हम सभी को नीचा दिखाती हैं। पिछले गुरुवार को ही याकूब मेमन को फांसी दी गई थी।
 
डोभाल ने थरूर का नाम नहीं लिया लेकिन जाहिर तौर पर उनका इशारा पूर्व केंद्रीय मंत्री की ओर ही था। डोभाल ने कहा, मैं बयान के औचित्य, आवश्यकता और वास्तविकता में नहीं जा रहा। कुछ है जो जनहित में है, देश के व्यापक हित में है और आने वाली पीढ़ियों के हित में है। 
 
उन्होंने अमेरिका में 9-11 के हमलों के बाद वहां की कांग्रेस में दिए गए तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के भाषण का उल्लेख किया जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस तरह की कार्रवाई का बचाव किया था।
 
एनएसए ने अपनी बात के समर्थन में भगवद गीता के एक श्लोक और कुरान की एक आयत का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह कहना ठीक नहीं है कि भारत ने याकूब के भाई टाइगर मेमन को नहीं पकड़ पाने पर बदला लेने के तौर पर याकूब को फांसी पर लटकाया।
 
डोभाल ने इस संबंध में बनी धारणाओं से जुड़े श्रोताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा, कोई प्रतिशोध नहीं है। याकूब पर कानूनी प्रक्रिया के तहत मुकदमा चला। (भाषा)