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Last Modified: सोमवार, 27 जून 2016 (10:26 IST)

काले धन के मामले में मोदी सरकार को मिली बड़ी कामयाबी

काले धन के मामले में मोदी सरकार को मिली बड़ी कामयाबी - 13000 crore rs black money unearthed from overseas bank accounts
भारत सरकार को विदेशी बैंकों में रखे भारतीयों के काले धन का पता लगाने के मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इनकम टैक्स अथॉरिटीज ने अब तक 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के काले धन का पता लगा लिया है। वह भी महज दो चरणों में (साल 2011 और 2013) में मिली सूचनाओं के आधार पर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने 'मन की बात' में लोगों के अघोषित आय को लेकर कार्रवाई की बात कही थी।
इससे पहले साल 2011 में फ्रांस सरकार ने जिनेवा के एचएसबीसी बैंक में भारतीयों की ओर से जमा कराई गई रकम के करीब 400 मामलों की जानकारी दी थी। इनकम टैक्स की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, इन बैंक खातों में करीब 8,186 करोड़ रुपए जमा थे। काला धन पर सरकार को पता चली अब तक की यह सबसे बड़ी रकम है।
 
इस रकम के पता चलने के बाद इंटरनेशनल कंजोर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स की वेबसाइट पर साल 2013 में 700 भारतीयों के विदेशी बैंक खातों का खुलासा हुआ था। इसमें 5000 करोड़ रुपए जमा होने का पता चला था। इस तरह 2011 और 2013 में मिली जानकारी को मिलाकर भारतीयों के कुल 1100 खातों में 13 हजार करोड़ रुपए की ब्लैक मनी का पता चला है।
 
इनकम टैक्स असेसमेंट होने के बाद विभाग ने 5,377 करोड़ रुपए का टैक्स लगाया है। खाता धारकों को पहले टैक्स जमा करने के लिए 31 मार्च 2016 तक की मोहलत दी गई थी। सितंबर 2015 तक 1100 संदिग्धों में महज 638 ने 3770 करोड़ रुपये की अघोषित आय का खुलासा किया था।
 
एचएसबीसी मामले में सरकार को 628 बैंक खातों की जानकारी मिली थी। इनमें से 213 लेनदेन में नहीं थे। कुछ खातों में रकम नहीं थी। कई सारे खाते तो एनआरआई के थे। कुछ खातों का तो पता नहीं लगाया जा सका। 398 खाता ही चल रहा था। आईटी सेटलमेंट कमीशन ने इन खाता धारकों के खिलाफ कार्रवाई की है। एचएसबीसी ने इस मामले पर कुछ भी कहने से मना कर दिया।
 
इनकम टैक्स विभाग ने इन मामलों में अब तक 55 मामलों में केस दर्ज किए हैं। खाता धारकों पर वेरिफिकेशन में गलत जानकारी देने और टैक्स चोरी का आरोप है। एचएसबीसी खातों के 75 केसों पर सुनवाई चल रही है। आईसीआईजे की सूचना के आधार पर ये केस दर्ज किए गए हैं। खाता धारकों के खिलाफ ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की है।
 
इनकम टैक्स की रिपोर्ट कहती है कि ICIJ मामलों में जिन भारतीयों के नाम सामने आए हैं उनमें कई ने ब्लैक मनी डिक्लेरेशन विंडो के तहत संपत्ति के खुलासे किए हैं। सरकार ने पिछले साह सीमित समय के लिए अघोषित संपत्ति की घोषणा करने का मौका दिया था। हालांकि, जिन लोगों के खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पहले ही जांच शुरू कर दी, वह राहत पाने योग्य नहीं हैं, लेकिन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में कहा है कि 30 सितंबर तक स्वेच्छा से अपनी अघोषित आय के बारे में जानकारी देने वाले लोगों की आय के स्रोत की सरकार जांच नहीं करेगी। एक बार भी उनसे नहीं पूछा जाएगा कि इतना धन कहां से आया और कैसे आया। इसलिए यह बेहतर मौका है कि लोग इस पारदर्शी व्यवस्था का हिस्सा बन जाएं।
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