Last Modified: नई दिल्ली ,
सोमवार, 28 जुलाई 2014 (16:21 IST)
ट्रेनों से क्यों हटा दी जाएगी स्लीपर बोगियां?
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नई दिल्ली। भारतीय रेलवे में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं। बुलेट ट्रेन का सपना संजोए मोदी सरकार को रेल से बहुत आशाएं हैं। इस के तहत ही दक्षिण रेलवे ने कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों के सेकंड क्लास स्लीपर डिब्बों को एसी-थ्री टायर श्रेणी में बदलना शुरू कर दिया है। इससे कई ट्रेनों में सेकंड क्लास स्लीपर कोचेज की संख्या कम हो जाएगी। यह निर्णय यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा या नहीं यह तो बाद में ही पता चलेगा।
हलांकि एक समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि अगले पांच सालों में सभी एक्सप्रेस, सुपर फास्ट ट्रेनों के स्लीपर क्लास के कोचेज को एसी में तब्दील करने के लिए रेलवे बोर्ड में उच्च स्तर पर चर्चा शुरू हो गई थी। रविवार को इसकी शुरुआत निजामुद्दिन मंगला एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12617) के एस-2 स्लीपर क्लास कोच को एर्नाकुलम जंक्शन पर स्थायी रूप से एसी 3 टायर कोच में तब्दील कर दिया गया।
बदलाव के बाद ट्रेन में 11 स्लीपर क्लास, तीन एस-3 टायर और दो एसी-2 टायर डिब्बे थे। अब 10 स्लीपर क्लास,चार 3 टायर एसी और दो-2 टायर एसी डिब्बे हो गए हैं। एर्नाकुलम से निजामुद्दीन तक की स्लीपर कोच में यात्रा करने पर 925 रूपए लगते थे लेकिन एसी-3 टायर कोच में यात्रा पर 2370 रूपए देने होंगे। केरल से गुजरने वाली दो और ट्रेनों के स्लीपर कोचेज को एसी कोचेज में बदला गया गया है।
चेन्नई-इमगोर-मैंगलोर सेंट्रल एक्सप्रेस(ट्रेन नंबर 16859)के एस-7 स्लीपर को एसी-चेयर कार कोच (डी-4)में बदल दिया गया। मंगलवार से मैंगलोर सेंट्रल-चेन्नई इमगोर एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 16860) के एस-9 स्लीपर कोच को हटाकर एसी चेयर कार कोच लगा दिया जाएगा। (एजेंसी)