• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Unknown Call made a whole team of helpers in Indore
Written By Author वृजेन्द्रसिंह झाला

Special Story: Corona काल में एक Unknown Call ने बना दी मददगारों की पूरी टीम

Special Story: Corona काल में एक Unknown Call ने बना दी मददगारों की पूरी टीम - Unknown Call made a whole team of helpers in Indore
कोरोनावायरस (Coronavirus) काल में ऑक्सीजन, रे‍मडिसिविर, अस्पताल में बेड, भोजन आदि की उपलब्धता के लिए सोशल मीडिया खासकर व्हाट्‍सऐप पर काफी मोबाइल नंबर और सूचनाएं वायरल होती हैं और लगातार हो भी रही हैं। लेकिन, इनमें से कुछ सूचनाएं सही नहीं होती, मोबाइल नंबर भी या तो बंद होते हैं या फिर किसी अन्य शहर के भी होते हैं। ऐसे में ये नंबर मुश्किल वक्त में व्यक्ति की समस्या को और बढ़ा देते हैं। इस मुश्किल को आसान किया है इंदौर के युवा पीयूष चौधरी ने। रात 2 बजे आए एक फोन कॉल से उनके इस मिशन की शुरुआत हुई थी और अब उनके साथ 30 लोगों की टीम इस काम के लिए जुड़ गई है। 
 
पीयूष चौधरी ने वेबदुनिया से बातचीत करते हुए बताया कि 2 मई को रात 3 बजे पहली बार मुझे मदद के लिए कॉल आया था। जिन्होंने कॉल किया, उनके किसी परिचित को ऑक्सीजन की अत्यंत आवश्यकता थी। कॉल पर उनका दर्द सुनकर मैं यह नहीं कह पाया कि आपने गलत जगह फोन किया है। मैंने कहा, आप मुझे 5-10 मिनट दीजिए, मैं देखता हूं कि क्या किया जा सकता है।

उस समय मेरे पास मदद के रूप में कुछ व्हाट्सएप पर आए फॉरवर्डेड मैसेज ही थे। यह भी अंदाजा था कि ये नंबर गलत भी हो सकते हैं, परंतु समय और संसाधन के अभाव में मुझे वही नंबर उन्हें भेजने पड़े। किस्मत से उन फॉरवर्डेड नंबरों में से एक नंबर सही था। इस तरह भाग्य द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलने में यह मेरा पहला कदम था।

चौधरी ने कहा कि मेरा नंबर कैसे और कब इंटरनेट पर आ गया, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है, चूंकि अब मेरा नंबर सभी के पास है, इसलिए अब मैंने उसे 24 घंटे आकस्मिक सेवा के रूप में शुरू किया है। 3 मई यानी अगले ही दिन मैंने सुबह उठते ही जितने भी फॉरवर्ड मैसेज में नंबर दिए गए थे, उन्हें एक-एक करके कॉल किया और सत्यापित करना शुरू किया।

पहले दिन में 12 ऐसे नंबर मिले, जो सही थे। यही कार्य आगे आने वाले कई दिनों तक चलता रहा और यह आज भी चल रहा है। अब तक तकरीबन 300 नंबरों की पड़ताल कर चुका हूं, उनमें से सिर्फ 50 नंबर ही सही पाए गए बाकी सब या तो गलत थे या बंद या कवरेज क्षेत्र से बाहर। कुछ नंबर तो बीकानेर, देहरादून, गोवा, असम और वाराणसी जैसी जगहों के भी निकले।

उन्होंने कहा कि 4 मई को नंबर सत्यापित करने के इस विचार को मैंने टीम का स्वरूप दिया। पहले दिन 2 लोग जुड़े और 3 लोगों की यह टीम आज 30 लोगों की बन चुकी है। हमारी टीम में युवा भी हैं और वरिष्ठगण भी। उम्मीद है आगे और भी लोग जुड़ेंगे। हमारा मूलभूत दायित्व है कि फॉरवर्ड मैसेज में दिए गए नंबर का सत्‍यापन करना और सही नंबर को डेटाबेस में डालना। हमारा डेटाबेस रोज नए और सत्यापित नंबर से अपडेट होता है। हम फिलहाल अपनी सेवाएं इंदौर में केंद्रित कर रहे हैं। पीयूष की टीम में इंदौर के अलावा पुणे और सूरत से भी युवा जुड़े हैं। श्रेया जोशी, चैतन्य पनसारे, करण जोशी, अविजीत जोशी, मीनल सावलानी (सभी इंदौर), दिव्या परमार (पुणे) एवं अक्षय माहेश्वरी (सूरत) टीम के साथ सक्रियता से जुड़े हुए हैं। 

चौधरी ने बताया कि दिनभर में एक दर्जन कॉल या मैसेज आ जाते हैं और हम उन्हें उनकी उपयोगिता के अनुरूप संपर्क नंबर भेज देते हैं। अभी तक हमने आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड, प्लाज्मा, ऑक्सीजन सिलेंडर, कंसंट्रेटर और कुछ जरूरी दवाइयों की सहायता सफलतापूर्वक उपलब्ध करवाई है। हमारा सिर्फ एक लक्ष्य है, फेक इंफार्मेशन पर प्रहार करना और सही जानकारी जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाना।

उन्होंने कहा कि कोविड के खिलाफ भारत देश एक भयंकर युद्ध लड़ रहा है। हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स तो इस युद्ध को मैदान पर लड़ रहे हैं, परंतु एक आम भारतीय भी किस तरह से अपना कर्तव्य निभा सकता है इसका एक उदाहरण हैं स्वर्गीय श्री नारायण दाभाड़कर काका, जिन्‍होंने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर एक अनजान व्यक्ति की जान बचाकर मुझे और मेरे जैसे अनेक युवाओं को प्रेरित किया है। उन्हीं के द्वारा दिखाए गए कर्तव्य पथ पर चलते हुए मैंने इस एसओएस टीम की स्थापना की है।
हमारे दूसरे प्रेरणास्रोत हैं, भारत के सुप्रसिद्ध ब्लेडरनर मेजर डीपी सिंह, जिन्होंने हमें कभी न हार मानने का मंत्र दिया। मेजर और नारायण काका के परिवार से मुझे बात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और उनके आशीर्वाद से ही मैं इस कार्य को पूरी शिद्दत से कर रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा।

पीयूष कहते हैं कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-51A (मूलभूत दायित्व) हमारी टीम की आधारशिला है और हम उसी के अंतर्गत कार्य करते हैं और करते रहेंगे। हमने अब तक करीब 50 से 55 लोगों की सहायता की है। हम उन्हें जानते नहीं हैं, परंतु अब उन सभी के साथ एक परिवार की तरह रिश्ता बन गया है, जो हमेशा के लिए बना रहेगा। हेल्पलाइन नंबर हैं : 9098600064 (कॉल), 9167129351 (व्हाट्सएप)।
 
ये भी पढ़ें
धरती पर ‘लॉकडाउन’ वाली शादी से नहीं भरा मन तो इस जोड़े ने आसमान में दोबारा रचा ली शादी, 130 रिश्तेदार हुए शरीक!