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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शुक्रवार, 7 अगस्त 2020 (11:58 IST)

मध्यप्रदेश के उपचुनाव में रामजी किसका करेंगे बेड़ा पार ?

राममंदिर पर क्रेडिट लेने की होड़ में कांग्रेस -भाजपा में घमासान

मध्यप्रदेश के उपचुनाव में रामजी किसका करेंगे बेड़ा पार ? - Politics on Ram mandir : Ram je Kiska karenge Beda paar
भोपाल। अयोध्या में राममंदिर के शिलान्यास के साथ ही मध्यप्रदेश में अब भाजपा और कांग्रेस इस मुद्दें पर सियासी माइलेज लेने की होड़ में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राममंदिर के शिलान्यास को भाजपा अब अपने घोषणा पत्र में किए गए सबसे पुराने वादे को पूरा होने को बताते हुए सीधे क्रेडिट लेते हुए दिखाई दी रही है।   
 
मध्यप्रदेश भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राममंदिर के शिलान्यास को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि भाजपा एक मात्र ऐसी पार्टी जो कहती हैं वह करती है। हमने कहा था कि सौंगध राम की खाते है मंदिर वहीं बनाएंगे और अब मंदिर निर्माण शुरू हो गया है।
 
इसके साथ ही उन्होंने राममंदिर के बहाने भाजपा के प्रमुख चुनावी एजेंडे ट्रिपल तलाक और जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का जिक्र करते हुए कहा कि हमने कहा था कि एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे। आज कश्मीर और भारत का झंडा और संविधान एक है। 
अयोध्या में राममंदिर के भूमिपूजन पर भाजपा के बड़े नेता भगवान राम की भक्ति में लीन दिखाई दिए। कोरोना संकट के चलते भले ही पार्टी ने सार्वजनिक तौर पर कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं किया हो लेकिन आने वाले समय में पार्टी राममंदिर को मुद्दें के जोर-शोर से जनता के बीच ले जाने की तैयारी कर ली है। 
 
वहीं दूसरी ओर उपचुनाव में जीत के रास्ते सत्ता में वापसी की राह देख रही कांग्रेस राममंदिर के मुद्दे पर भाजपा से आगे निकलने की होड़ में जुटी हुई दिखाई दे रही है। पीसीसी चीफ कमलनाथ प्रदेश ही नहीं देश में कांग्रेस ने उन पहले बड़े नेताओं में शामिल थे जिन्होंने न केवल राममंदिर के भूमिपूजन का समर्थन किया बल्कि एक दिन पहले भगवाधारी हो कर हनुमान चालीसा का पाठ भी कर डाला। इसके साथ 5 अगस्त को प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में भगवान राम का बड़ा पोस्टर लगाकर जश्न भी मानाया गया। 
उपचुनाव से पहले कांग्रेस अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए चांदी की 11 ईटों को भेजने के लिए एक भव्य यात्रा निकलने की तैयारी में है जो प्रदेश के अलग-अलग जिलों से होते हुए अयोध्या पहुंचेगी। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस यात्रा का रूट उपचुनाव होने वाली सीटों पर फोकस कर तैयार किया जा रहा है। इस यात्रा के जरिए पार्टी लोगों को राममंदिर के लिए कांग्रेस के योगदान को बताने की तैयारी कर रही है।  
 
2018 के विधानसभा चुनाव के समय कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलते हुए चित्रकूट से कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान का आगाज किया था। पीसीसी चीफ कमलनाथ का यह बयान की राजीव गांधी ने साल 1985 में पहली बार ताले खुलवाए थे और 1989 में फैजाबाद से पार्टी के चुनाव प्रचार का अभियान का आगाज करते हुए राजीव गांधी ने राममंदिर बनाए जाने का समर्थन किया था। कमलनाथ ने आगे कहा कि अगर राममंदिर को क्रेडिट कोई और लेने की कोशिश कर रहा है तो ये गलत है।  
 
वहीं कांग्रेस के भगवान राम के प्रति बढ़ते प्रेम पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तंज कसते हुए कहते हैं कि सारा जग सियाराम मय हो जाए यहीं तो हम चाहते थे। कितने अच्छे दिन आ गए कि पीसीसी में भगवान राम लग गए है, यहीं हमारी कल्पना था कि सब सियाराम मय हो। 
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