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Written By कीर्ति राजेश चौरसिया
Last Modified: सोमवार, 23 अप्रैल 2018 (20:12 IST)

जलसंकट की चपेट में बुंदेलखंड, महिलाओं की मुसीबत

जलसंकट की चपेट में बुंदेलखंड, महिलाओं की मुसीबत - bundelkhand water crisis
गर्मी शुरू होते ही बुंदेलखंड का छतरपुर जिला भीषण जल संकट का सामना कर रहा है। मामला बमीठा थाना क्षेत्र के कदोहां ग्राम का है, जहां पंचायत के पांच गांवों- जटापहाड़ी, रिछाई, विजिबरा, मुड़ीं, मनपसार में लगभग सात हजार की आबादी बसती है।

भयंकर सूखे की मार झेल रहे इस गांव में पानी की समस्या अब दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। जल स्तर जमीन के बहुत नीचे पहुंच गया है। ऐसे में महिलाओं को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। घर के पुरुष सुबह से ही काम पर निकल जाते हैं और पानी की जिम्मेदारी महिलाओं पर आ जाती है। दिन भर इन्हें पानी के लिए जद्दोज़हद करनी पड़ती है।

ताजा मामला जटापहाड़ी गांव का है, जहां की महिलाओं को कोसों दूर से पानी भरने जाना पड़ता है। पंचायत के पांचों गांवों के हैंडपंप, कुआं और अन्य जलस्रोत सूख गए हैं। जिससे यहां कई किलोमीटर चलकर खुड़न नदी के किनारे स्थित कुआं में पानी भरने जाना पड़ता है। ऐसी गर्मी में जानवरों को भी पीने के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। प्यास के चलते अब तक कई जानवरों की मौतें तक हो गईं हैं। 
स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर यही हाल रहा तो अबकी बारी इंसानों की भी हो सकती है। समय रहते प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो स्थितियां और बिगड़ सकती हैं। 
 
काली बाई, मैदा बाई, विमला देवी पटेल की मानें तो यहां हालात बद से बदतर हो चले हैं। पानी के लिए लोगों की जान पर बन पड़ी है। घंटो हैंडपंप चलाने के बाद भी पानी नहीं निकलता और जब कभी निकलता भी है तो बूंद-बूंद कर घंटों में एक डिब्बा भर पाता है।

सरपंच लक्ष्मी पटेल और ग्राम सचिव हरिशंकर तिवारी ने बताया कि अभी दो पम्प रखे हुए हैं। उन्हें बोर में लगवाना है जैसे ही शासन-प्रशासन का आदेश मिलता है, टैंकरों और अन्य साधनों द्वारा पानी का परिवहन कर जलापूर्ति की जाएगी। 
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