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Written By ND
Last Modified: बड़नगर , मंगलवार, 22 सितम्बर 2009 (11:12 IST)

अब मवेशियों में त्वचा प्रत्यारोपण!

अब मवेशियों में त्वचा प्रत्यारोपण! -
- प्रेमचंद द्वितीय
मवेशियों के जलने, कटने और त्वचा संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए बायो इंजीनियर्ड त्वचा के जरिए अब त्वचा का प्रत्यारोपण हो सकेगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आरवीआरआई) में इसके लिए शोध कार्य जारी है।

आरवीआरआई पशु जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक डॉ. समीर श्रीवास्तव ने बताया कि संस्थान मवेशी पालकों के लिए आसान एवं सस्ते पशु रोग उपचार के तरीके विकसित कर रहा है जिससे मवेशी पालक स्वयं परीक्षण कर रोग निदान और उपचार कर सकेंगे। मवेशियों की बीमारियों की रोकथाम के लिए उन्नात टीके विकसित किए जा रहे हैं।

6 करोड़ की परियोजनाएँ : डॉ. श्रीवास्तव के मुताबिक देश में मवेशियों में बीमारी की रोकथाम एवं उपचार के लिए करीब 6 करोड़ रु. की शोध परियोजनाएँ चल रही हैं। इन परियोजनाओं में पशुओं में विषाणुजनित बीमारियों पर शोध, मवेशियों में कैंसर रोग निदान हेतु कैंसर कोशिकाओं में रिसेप्टर की खोज, पशुओं में जैव अभियांत्रिकीय (बायो इंजीनियर्ड) त्वचा विकसित कर सर्जरी में उपयोग व पशुओं में पेप्टाइड न्यूक्लिक एसिड द्वारा वायरस संक्रमण पर नियंत्रण शामिल है।

12 करोड़ की आय : इज्जतनगर विक्रम विवि तथा पूर्व निदेशक आरवीआरआई, की कुलपति डॉ. शिवपालसिंह अहलावत ने कहा कि आरवीआरआई, इज्जत नगर (उप्र) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ईसीएआर) का ध्वजवाहक (फ्लैगशिप) संस्थान है। अनुसंधान तथा पेटेंट से संस्थान को सालाना 12 करोड़ रुपए की आय होती है।-नईदुनिया