• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. चुनाव 2009
  4. »
  5. लोकसभा चुनाव
Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , रविवार, 17 मई 2009 (15:02 IST)

हार पर वामदलों का पोस्टमार्टम

हार पर वामदलों का पोस्टमार्टम -
लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले चार वामदलों की रविवार को यहाँ एक बैठक हुई ताकि वे नतीजों और भविष्य की रणनीति पर विश्लेषण कर सकें।

माकपा मुख्यालय में हुई इस बैठक में माकपा के प्रकाश करात और सीताराम येचुरी, भाकपा के एबी वर्धन और डी. राजा, आरएसपी के टीजे चंद्रचूडन तथा फारवर्ड ब्लाक के देवव्रत बिस्वास और डी. देवराजन शामिल थे।

वामदलों की संख्या वर्ष 2004 में मिली 61 सीटों के मुकाबले इस बार कम होकर 24 रह गई है और उन्हें पश्चिम बंगाल तथा केरल में काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

चंद्रचूडन ने बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा कि हम हार के कारणों पर चर्चा कर रहे हैं। हम उन कारणों पर विचार करेंगे कि आखिर हम क्यों हारे। सभी दलों को इस मुद्दे पर अलग-अलग चर्चा करने की भी जरूरत है।

यह पूछने पर कि बसपा, तेदेपा और जद (एस) जैसे दलों के साथ गठजोड़ क्या एक बड़ी गलती थी? उन्होंने कहा मैं ऐसा नहीं सोचता। हमारा राजनीतिक तरीका सही था।

क्या तीसरा मोर्चा अप्रासंगिक हो गया? इस पर चंद्रचूडन ने कहा अस्थायी तौर पर ऐसा हुआ है लेकिन एक हार से आप उसे पूरी तरह नहीं हटा सकते।

साढ़े चार वर्ष तक संप्रग सरकार को समर्थन देने वाले चार वामदलों के नेताओं ने उन्हें उनके गढ़ पश्चिम बंगाल और केरल में मिली हार के कारणों पर विचार-विमर्श किया। इन राज्यों में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने अपनी स्थिति महत्वपूर्ण रूप से मजबूत की है।

करात ने कल कहा था कि वामदल और उनके सहयोगी विपक्ष के तौर पर काम करेंगे। माकपा और वामदलों को हुए बड़े नुकसान को स्वीकार करते हुए करात ने कहा था कि पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों का गंभीरता से परीक्षण करने की जरूरत है।

माकपा पोलित ब्यूरो की कल यहाँ एक बैठक होगी जिसमें वामदलों को मिली सबसे खराब हार का विश्लेषण किया जाएगा।