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लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में पंगा, कार्यकर्ता पर आमने सामने आए शिवराज-गोपाल भार्गव

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में पंगा, कार्यकर्ता पर आमने सामने आए शिवराज-गोपाल भार्गव - Shivraj Singh Chauhan Gopal Bhargava
भोपाल। मध्यप्रदेश बीजेपी में विधानसभा चुनाव में हार के बाद सबकुछ सही नहीं चल रहा है, चुनाव में हार के बाद बीजेपी में पहले से ही खींचतान चल रही थी, वहीं अब पार्टी के बड़े नेताओं के बीच भी मनमुटाव और गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच कार्यकर्ताओं को लेकर दो ऐसे बयान सामने आए, जिससे पार्टी के दो बड़े नेताओं के बीच मतभेद सार्वजनिक तौर पर दिखाई दिए।


बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी का कार्यकर्ता निराश है। गोपाल भार्गव ने कहा कि चुनाव के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है, जहां भी जाता हूं, कार्यकर्ताओं के मुरझाए चेहरे दिखाई देते हैं। इसलिए जरूरी है कि लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं में जोश भरा जाए। वहीं बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष के बयान को काटते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी कार्यकर्ताओं में कोई निराशा नहीं है, बल्कि बीजेपी कार्यकर्ता कांग्रेस से बदला लेने के मूड में हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चुनाव में लोग स्थानीय विधायकों से नाराज थे और उनको हटाना चाह रहे थे, लेकिन इसका खमियाजा बीजेपी की सरकार को भुगतना पड़ा है। इसके बाद कार्यकर्ता अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाना चाह रहा है। इसके लिए अब पार्टी को छोटे-छोटे मुद्दों पर अपनी लड़ाई लड़नी चाहिए। पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक में राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि चुनाव के बाद नेताओं के जिस प्रकार बयान आ रहे हैं, उससे पार्टी की छवि को नुकसान हो रहा है।

रामलाल ने हार की समीक्षा सार्वजनिक तौर पर नहीं करने की नसीहत भी पार्टी के बड़े नेताओं को दी। मोर्चा अध्यक्षों की बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल ने कहा कि लोकसभा में अबकी बार पार्टी के सामने सभी 29 सीटों को जीतने का लक्ष्य है, इसलिए अब सभी को लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लग जाना चाहिए। पार्टी ने विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी के बागी नेताओं को समझाने और उन्हें फिर पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी एक बार फिर पार्टी के बड़े नेताओं को सौंपने जा रही है।
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