• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. लोकसभा चुनाव 2019
  3. समाचार
  4. Narendra Modi, Rahul Gandhi Election commission
Written By
Last Modified: गुरुवार, 2 मई 2019 (21:43 IST)

नरेन्द्र मोदी-राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने दी क्लीन चिट

नरेन्द्र मोदी-राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने दी क्लीन चिट - Narendra Modi, Rahul Gandhi Election commission
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर क्लीन चिट दे दी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमित शाह के हत्या के आरोपी वाले बयान पर क्लीन चिट मिल गई है।
 
आयोग ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बाड़मेर में दिए गए भाषण को आदर्श आचार चुनाव संहिता का उल्लंघन नहीं माना है। उसने राजस्थान के मुख्य चुनाव अधिकारी से इस बारे में रिपोर्ट मांगी थी।
 
बाड़मेर के चुनाव अधिकारी ने मोदी के भाषण का मूल पाठ आयोग को भेज दिया था, जो 10 पृष्ठों का था। आयोग ने उसका अध्य्यन करने पर पाया कि मोदी ने आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नही किया।
 
बाड़मेर में प्रधानमंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान कहता था कि हमारे पास न्यूक्लियर बटन है... तो हमारे पास क्या है... ये दिवाली के लिए रखा है क्या?'
 
कांग्रेस प्रवक्त सुषमा देव की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 6  मई तक मोदी के सभी मामलों का निबटारा करने का निर्देश दिया है।
 
राहुल गांधी को भी मिली राहत : चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 'हत्या के आरोपी' वाले बयान पर क्लीन चिट दे दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल गांधी ने चुनावी भाषण के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया। गांधी ने चुनावी भाषण में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को ‘हत्या का आरोपी’ बताया था।
 
ईसी अधिकारियों ने गांधी को क्लीन चिट देते हुए कहा कि शिकायत की विस्तृत जांच की गई और जबलपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा भेजे गए भाषण की पूरी प्रतिलिपि की जांच के बाद आयोग का विचार है कि आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है। राहुल गांधी ने  23 अप्रैल को मध्यप्रदेश के सिहोरा जिले में एक चुनावी रैली के दौरान यह कथित टिप्पणी की थी।
 
भाजपा अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए गांधी ने कथित तौर पर कहा था कि हत्या आरोपी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह। वाह, क्या शान है!  भाजपा ने इस टिप्पणी के बारे में ईसी को शिकायत की थी।
 
शाह ने इस टिप्पणी का कड़ा खंडन किया था और विपक्षी नेता के‘कानूनी ज्ञान’पर सवाल उठाए थे और कहा था कि इस ‘फर्जी’ आरोप को अदालत ने बहुत पहले ‘राजनीति से प्रेरित’बताते हुए खारिज कर दिया था। (एजेंसियां)
ये भी पढ़ें
गुजरात की अदालत ने राहुल गांधी को भेजा समन, 7 जून को अदालत में पेश होने के निर्देश