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चौथे चरण में 108 प्रत्याशी मैदान में, दोनों दलों के अध्यक्षों की साख दांव पर

चौथे चरण में 108 प्रत्याशी मैदान में, दोनों दलों के अध्यक्षों की साख दांव पर - Lok Sabha Elections 2019
भोपाल। लोकसभा निर्वाचन 2019 के चौथे चरण और मध्यप्रदेश के पहले चरण में होने वाले छह संसदीय क्षेत्रों पर चुनाव में दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों कमलनाथ और राकेश सिंह की साख दांव पर है।

इन सभी संसदीय क्षेत्रों सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट एवं छिंदवाड़ा पर नामांकन वापसी के बाद अब कुल 108 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होना है। इस चरण के तहत छिंदवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ एवं जबलपुर से भाजपा प्रत्याशी और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के भाग्य का फैसला होगा।

इसी चरण में छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिए भी उपचुनाव होना है, जिसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ स्वयं प्रत्याशी हैं। उनका मुकाबला भाजपा के विवेक साहू बंटी से होना है।जबलपुर में भाजपा अध्यक्ष सिंह के सामने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा चुनावी मैदान में हैं। वहीं छिंदवाड़ा में नकुलनाथ से मुकाबले के लिए भाजपा ने आदिवासी नेता और पूर्व विधायक नत्थन शाह पर भरोसा जताया है।

शहडोल में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही दल बदलू प्रत्याशियों पर ही दांव खेला है। भाजपा ने यहां से पूर्व कांग्रेस सांसद दलवीर सिंह और राजेश नंदिनी की बेटी हिमाद्री सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। हिमाद्री सिंह ने पिछले साल भाजपा नेता नरेंद्र सिंह मरावी से विवाह कर लिया था, जिसके बाद से उनके कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने की अटकलें लगाई जा रहीं थीं। हिमाद्री सिंह ने इस साल मार्च में भाजपा का दामन थामा, जिसके कुछ ही दिन बाद उन्हें शहडोल से पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।

हिमाद्री सिंह का मुकाबला कांग्रेस की प्रमिला सिंह से होगा। भाजपा से विधायक रहीं प्रमिला सिंह ने पिछले साल विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी छोड़ दी थी, इसके बाद उनके कांग्रेस में आने के चलते पार्टी ने शहडोल से उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया।

छत्तीसगढ़ से सटी मध्य प्रदेश की बालाघाट संसदीय सीट पर कांग्रेस के मधु भगत का सामना भाजपा के ढाल सिंह बिसेन से होगा। हालांकि यहां से भाजपा के मौजूदा सांसद बोध सिंह भगत के निर्दलीय तौर पर नामांकन दाखिल करने से यहां पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

सीधी में कांग्रेस से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। सिंह पिछले विधानसभा चुनाव में चुरहट से भाजपा प्रत्याशी शरतेंदु तिवारी के हाथों पराजित हो गए थे, इसके बाद पार्टी ने उन्हें अब लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला सीधी में मौजूदा सांसद भाजपा की रीति पाठक से होगा।

हालांकि श्रीमती पाठक को भी यहां से भाजपा के कई नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मंडला संसदीय क्षेत्र पर भाजपा एक बार फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के भरोसे चुनावी मैदान में है। कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी कमल मरावी इस संसदीय क्षेत्र से विरोध का सामना कर रहे हैं। इन संसदीय क्षेत्रों में कल नामांकन वापसी की अंतिम तारीख थी, जिसके बाद अब संसदीय क्षेत्र सीधी में 26, शहडोल में 13, जबलपुर में 22, मंडला में 10, बालाघाट में 23 एवं छिंदवाड़ा में 14 प्रत्याशी मैदान में हैं।
 
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इन सभी संसदीय क्षेत्रों में संवीक्षा के बाद 123 अभ्यर्थी विधिमान्य पाए गए। इनमें से 15 अभ्यर्थी द्वारा नाम वापसी के बाद अब कुल 108 अभ्यर्थी निर्वाचन में हैं। वहीं छिंदवाड़ा विधानसभा उप चुनाव में संवीक्षा के बाद 16 अभ्यर्थी विधिमान्य पाए गए। इनमें से 7 प्रत्याशियों द्वारा नाम वापसी के बाद कुल अब नौ प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
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