राजीव शुक्ला करेंगे 7 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने से पूर्व उसके अहम पहलुओं पर चर्चा करने के लिए राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का मंगलवार को गठन कर दिया।
बीसीसीआई ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि मुंबई में सोमवार को क्रिकेट सेंटर में हुई विशेष आम बैठक में सर्वोच्च अदालत के 18 जुलाई को दिए गए फैसले को लागू करने के संदर्भ में सात सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया गया है। इसकी घोषणा कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने की।
चौधरी ने बताया कि राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया गया है जो बीसीसीआई को लेकर दिए गए सर्वोच्च अदालत के निर्णय पर अंतिम रिपोर्ट देने से पूर्व इस फैसले के अहम पहलुओं की जांच करेगी। इसमें आईपीएल के चेयरमैन शुक्ला समिति का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगुली, टीसी मैथ्यू, नाबा भट्टाचार्जी, जय शाह, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी शामिल हैं।
इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होनी है। ऐसे में इस समिति को अत्यावश्यक स्तर पर जल्द ही अपनी आपात बैठक बुलाने के लिए अपील की गई है ताकि इस मामले पर जल्द कदम उठाए जा सकें और इस पर लिखित रिपोर्ट 10 जुलाई तक जारी की जा सके जिस पर फिर अगली सुनवाई से पूर्व आमसभा में चर्चा हो सके। बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना को यह समिति लगातार जानकारियां देगी और अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी जिसे फिर बोर्ड की आम बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत ने करीब एक वर्ष बाद न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को बीसीसीआई में लागू करने के लिए सहमति दे दी थी, लेकिन बोर्ड ने अब तक पूरी तरह से इन सिफारिशों को लागू करने में दिक्कतें जताई हैं और इसके लिए अपनी समिति गठित की है जो इन पहलुओं को उजागर करने का काम करेगी।
यह समिति सिफारिशों को पूर्णत: लागू करने से पहले वर्तमान में बीसीसीआई का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) को अपने सुझाव देगी जिसका गठन भी सर्वोच्च अदालत ने किया है। बोर्ड में लोढा समिति की सिफारिशों को लागू किए जाने तक सीओए को बोर्ड के संचालन का काम सौंपा गया है। हालांकि नई सात सदस्यीय समिति में सीओए का कोई सदस्य शामिल नहीं है।
बीसीसीआई के इस समिति का गठन करने से साफ है कि ढांचागत बदलावों के लिए लागू होने वाली बहुप्रतीक्षित सिफारिशों को अमलीजामा पहनाने में अभी कुछ और देरी हो सकती है। बोर्ड के कार्यवाक सचिव चौधरी के अनुसार, इस समिति को गठित करने का उद्देश्य यह देखना है कि सिफारिशों को कितना जल्दी और प्रभावशाली ढंग से लागू किया जा सकता है। (वार्ता)