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चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 : फाइनल में भारत का पाकिस्तान पर पलड़ा भारी

चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 : फाइनल में भारत का पाकिस्तान पर पलड़ा भारी - Champions Trophy 2017: India, Pakistan, Finals
-सीमान्त सुवीर
 
चैंपियंस ट्रॉफी में जिस तरह से दोनों सेमीफाइनल मैचों में क्रिकेट का जो बहुत ऊंचा स्तर देखने को मिला है, उसने 18 जून को लंदन के ओवल मैदान पर भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले फाइनल के रोमांच की उम्मीदों को कई गुना बढ़ा दिया है। 32 सालों के बाद यह पहला अवसर आया है, जब विश्व क्रिकेट के एक बड़े मंच पर ये दोनों टीमें आमने-सामने होंगी। इस मैच से दोनों ही देशों की भावनाएं जुड़ी रहने की वजह से मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा, ऐसा अनुमान है और जहां तक चमचमाती चैंपियंस ट्रॉफी को चूमने का सवाल है तो वहां पर विराट कोहली के अलावा कोई दूसरा चेहरा आंखों के सामने नहीं घूम रहा है।

विराट की 'ब्ल्यू ब्रिगेड' सिर्फ कागजों पर ही, नहीं बल्कि मैदान पर भी पाकिस्तान की तुलना में भारी है। बड़े-बड़े नाम अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन कर रहे हैं और विराट अपनी कप्तानी में पहली बार इतने बड़े टूर्नामेंट को जीतने का अवसर तो कतई हाथ से खोना नहीं चाहेंगे। बांग्लादेश के खिलाफ 9 विकेट की जीत ने टीम इंडिया के हरेक खिलाड़ी के हौसले और जोश को हिमालयीन ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया और टीम इंडिया के इस प्रदर्शन को पाकिस्तान टीम ने भी गंभीरता से लिया होगा और वह अभी से फाइनल के होमवर्क में जुट गई होगी। 
 
सेमीफाइनल मैच की कहानी केवल इतनी सी है कि जसप्रीत बुमराह, केदार जाधव और भुवनेश्वर कुमार ने 2-2 विकेट लेकर बांग्लादेश को 7 विकेट खोकर 264 रन बनाने की आजादी दी। भारत ने केवल शिखर धवन (34 गेंद पर 46) का विकेट खोया। ‍रोहित शर्मा और धवन ने पहले विकेट के लिए 87 रन जोड़कर विराट के क्रीज पर पहुंचने से ही दबाव खत्म कर दिया था। रोहित (नाबाद 123) और विराट (नाबाद 96) भारत को 40.1 ओवर में 265 रन बनाकर 9 विकेट से जीत दिलाकर ही मैदान से बाहर लौटे।
बर्मिंघम के 'पाटा विकेट' पर रनों की फसल काटने में भारतीय बल्लेबाजों को बिल्‍कुल भी दिक्कत नहीं आई। रोहित के पुल शॉट्‍स और विराट के ड्राइव देखते ही बनते थे। विराट ने रनों के लिए कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई, पहले गेंद पर आंखें जमाईं और फिर बांग्लादेश के गेंदबाजों पर पिल पड़े। शिखर, रोहित और विराट तीनों ही लय में थे और उन्होंने कमजोर गेंदों को अच्छी नसीसतें दीं। इस चैंपियंस ट्रॉफी में विराट का एक अलग चेहरा देखने को यह मिला कि वे बहुत जल्द ही खुद को परिस्थितियों के अनुरूप ढाल लेते हैं।
 
पाकिस्तान के खिलाफ जब टीम इंडिया फाइनल के लिए मैदान में उतरेगी तो वह यह भूल जाएगी कि लीग मैच में वह उसे हरा चुकी है। यह एक नया मैच होगा और इसके लिए 'थिंक टैंक' भी मंथन करेगा। इस मुकाबले में पाकिस्तान की धारदार गेंदबाजी और भारतीय सूरमा खिलाड़ियों की बल्लेबाजी के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिलेगी। भारत के टॉप ऑर्डर के पांच बल्लेबाजों का प्रदर्शन इस फाइनल मैच की दिशा तय करेगा।   
 
शिखर धवन (3407 रन), रोहित शर्मा (5435 रन) विराट कोहली (8008 रन), युवराज सिंह (8622 रन), महेंद्र सिंह धोनी (9338 रन) के लिए उनकी जिंदगी का यह सबसे अहम मैच होने जा रहा है क्योंकि लंदन में वे सवा सौ करोड़ से ज्यादा लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पाकिस्तान से मुकाबला करने उतरेंगे। 
पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद
पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद के दिलो-दिमाग में भी भारत के टॉप ऑर्डर की तोड़ निकालने की जद्दोजहद चल रही होगी। उन्हें इसका अहसास है कि 'तोहफे' में मिले फाइनल में उनकी भिड़ंत दुनिया की सबसे शानदार टीम से होने जा रही है। सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 35 रन देकर तीन विकेट लेने वाले हसन अली को दूसरे छोर से मोहम्मद आमिर का साथ मिलने जा रहा है, इस लिहाज से पाक की आक्रमण क्षमता दोगुनी होने जा रही है। दूसरी तरफ अजहर अली और फखर जमान की सलामी जोड़ी को तोड़ना भी भारतीय गेंदबाजों के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होने वाला है। 
 
कुल मिलाकर ओवल का मैदान 18 जून को 'रणभूमि' जैसा नजर आएगा और इस फाइनल की हर गेंद पर रोमांच हिलोरे लेगा, इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। जहां तक सट्‍टेबाजी का सवाल है तो वो भारत को चैंपियन बनवा रहे हैं। गुरुवार आधी रात तक फाइनल मैच के लिए सट्‍टेबाजों ने पाकिस्तान का भाव 2 रुपए 96 पैसे और भारत का भाव 1 रुपए 51 पैसे रखा हुआ था। जाहिर है जिसका कम भाव है, वह विजेता बनने जा रहा है...
 
वैसे देखा जाए तो 32 साल बाद 50 ओवर के किसी बड़े टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल मुकाबला होने वाला है। इससे पूर्व 1985 में मेलबर्न में ये दोनों टीमें बेंसन एंड हेजेस विश्व चैंपियनशिप में टकराई थी, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को 8 विकेट से रौंदा था, वह भी तब जबकि मैच की 17 गेंदें फेंकी जानी शेष थीं।
 
10 मार्च 1985 को खेले गए इस फाइनल में पाकिस्तान टीम में बड़े-बड़े नाम थे, मसलन इमरान खान, जावेद मियांदाद, रमीज राजा, मुदस्सर नजर, वसीम राजा, सलीम मलिक, मोईन खान..इस मैच में पाकिस्तान ने बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट खोकर 176 रन बनाए थे और कपिल देव ने 23 रन देकर 3 और शिवरामकृष्णन ने 35 रन देकर 3 विकेट लिए थे। जवाब में भारत ने 47.1 ओवर में ही 2 विकेट खोकर 177 रन बना डाले थे। रवि शास्त्री (नाबाद 63) के अलावा कृष्णमाचारी श्रीकांत ने 67 रनों की पारी खेली थी।   
 
पाकिस्तान को एक बड़े फाइनल में भारत को रौंदे हुए तीन दशक से भी ज्यादा का वक्त गुजर गया है और इन सालों में क्रिकेट का स्वरूप भी काफी बदल गया है। आज टीमों के लिए हर मैच नया होता है और उसी के मुताबिक रणनीति बनाई जाती है। आईसीसी की वनडे रैंकिंग में नंबर एक खिलाड़ी विराट कोहली के बल्ले का जादू अपने शबाब पर है और उन्हें साथी खिलाड़ियों का भी अच्छा साथ मिल रहा है। ऐसे में इस फाइनल मुकाबले में भारत का पलड़ा भारी रहने का अनुमान है...एक आखिरी बात, इस फायनल मैच में 'टॉस' भी अहम किरदार निभाने वाला है...