सीके नायुडू 'लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार के लिए शांता रंगास्वामी नामित
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान शांता रंगास्वामी ने कहा कि सीके नायुडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के लिए नामित किया जाना उनके लिए ज्यादा महत्व नहीं रखता लेकिन वह मानती हैं कि यह सम्मान महिला क्रिकेट के लिए आगे उठाया गया बड़ा कदम साबित होगा।
रंगास्वामी ने कहा, ‘मेरी जिंदगी के इस दौर में पुरस्कार मेरे लिए ज्यादा मायने नहीं रखते। मैं कहूंगी कि यह मेरे लिए छोट कदम है लेकिन महिला क्रिकेट के लिए बहुत बड़ी छलांग है।’ जब कल पुरस्कारों की घोषणा हुई तो वह बहुत हैरान हो गयी थीं क्योंकि वह 8 मार्च को बेंगलुरु में होने वाले बीसीसीआई सालाना पुरस्कारों में 'लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला होंगी।
उनकी प्रतिक्रिया को समझा जा सकता है क्योंकि महिला क्रिकेटर को इस स्तर पर कभी कभार ही मान्यता मिलती है। हालांकि 2006 में बीसीसीआई की मान्यता मिलने के बाद महिला क्रिकेट में काफी असर पड़ा है लेकिन रंगास्वामी को लगता है कि अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
उन्होंने कहा, ‘हम कई दिन तक ट्रेन में यात्रा करते थे, लगातार प्रशासकों की उदासीनता का सामना करते थे लेकिन फिर भी भविष्य के लिए मजबूत नींव रखने में सफल रहे। हालांकि मेरे लिए सबसे बड़ा पछतावा अपने शिखर पर भारत के लिए नहीं खेल पाना होगा। ’
रंगास्वामी की अगुवाई में टीम ने पहली बार एक टेस्ट सीरीज जीती थी, उन्होंने कहा, ‘हमने 1977 और 1984 के बीच एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला, इसी तरह 1986 और 1991 के बीच भी ऐसा ही रहा। इसलिए 22 साल के करियर में हमें करीब 12 साल भी खेलने का मौका नहीं मिला।’(भाषा)