दिवंगत साथी फिलिप ह्यूज को किया याद, विश्वकप में भी इस नाम को नहीं भूले थे कंगारू
9 साल पहले ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज फिलिप ह्यूज का आज ही गेंद सिर पर लगने से आकस्मिक निधन हो गया था। इस दुखद लम्हे को माइकल क्लार्क, डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ ने याद कर फिलिप ह्यूज को श्रद्धांजली दी।
दिलचस्प बात यह है कि यह तीनों खिलाड़ी विश्वकप फाइनल खेल चुके हैं और जीत चुके हैं। माइकल क्लार्क साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी कर रहे थे और तब फिलिप ह्यूज को गुजरे हुए सिर्फ एक साल हुआ था, वह काली पट्टी पहनकर मैदान पर उतरे थे। हालांकि हाल ही में हुए एकदिवसीय विश्वकप फाइनल में ऑस्ट्रेलियाई टीम कुछ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने भी फिलिप ह्यूज की याद में काली पट्टी पहनी थी।
पच्चीस वर्षीय ह्यूज की सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच मैच के दौरान सीन एबट की बाउंसर सिर में लगने के दो दिन बाद 27 नवंबर को मौत हो गई थी। स्कोर बोर्ड में पहले उन्हें रिटायर्ड हर्ट दिखाया गया था लेकिन अब उसे नाबाद कर दिया गया था।उस ही हफ्ते वह अपना 26वां जन्मदिन मनाते लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
'सबारकोनाएड हैमरेज' बना मौत का कारणडॉक्टर ने बताया था कि ह्यूज की चोट को डॉक्टरी भाषा में 'सबारकोनाएड हैमरेज' कहते है जब पीड़ित की रक्तवाहिनी फट जाती है और उससे खून का रिसाव दिमाग में होने लगता है। उन्होंने बताया था कि तब तक क्रिकेट गेंद से हुआ यह मात्र दूसरा मामला है।
सेंट विंसेट अस्पताल के ट्रॉमा सर्जरी प्रमुख टोनी ग्रैब्स ने कहा था कि ह्यूज को मैदान पर ही कुछ उपचार दिया गया था , जिसके कारण उनकी स्थिति और खराब नहीं हुई और समय पर ही उन्हें एयर एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया था। इसके बाद उनकी सर्जरी कर दिमाग पर दबाव को कम करने का प्रयास किया गया लेकिन 48 घंटों में उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ और इसी कारण उनका निधन हुआ था।
ऐसा रहा फिलिप ह्यूज का करियरन्यू साउथ वेल्स के एक छोटे से केले की खेती के लिए मशहूर इलाके मैक्सविले में 30 नवंबर 1988 को जन्मे ह्यूज ने अपनी प्रतिभा और क्रिकेट के लिए जुनून के दम पर 18 वर्ष की आयु में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कदम रखा था। वर्ष 2009 में बेहद कम उम्र में टेस्ट क्रिकेट में कदम रख ह्यूज ने क्रिकेट के दिग्गजों को अपनी ओर आर्कषित किया था।
हालांकि अपनी तकनीक और खासतौर पर शार्ट पिच गेंदों को खेलने में हमेशा असहज महसूस करने वाले ह्यूज को आलोचना का शिकार होना पड़ा था और वह राष्ट्रीय टीम में कभी स्थाई जगह हासिल नहीं कर पाए थे।
ओपनिंग बल्लेबाज ने अपने संक्षिप्त करियर में 26 टेस्टों में 32.65 के औसत से 1535 रन बनाए जबकि 25 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 35.91 के औसत से 826 रन बनाए। उन्होंने 34 ट्वेंटी 20 मैचों में 42.69 के बेहतरीन औसत से 1110 रन भी बनाए। ह्यूज इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में मुंबई इंडियंस टीम का हिस्सा भी रहे थे।