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Last Modified: सोमवार, 24 अप्रैल 2017 (13:14 IST)

53 घंटे में एक हज़ार व्यंजन बनाने का दावा

53 घंटे में एक हज़ार व्यंजन बनाने का दावा - Make dishes record
- संजय रमाकांत तिवारी (नागपुर से)
नागपुर के इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियर्स के हॉल में ख़ास तौर पर एक विशाल रसोई बनाई गई जिसमें कई गैस स्टोव और चिमनियां लगाई गईं। इसके बाद शुरू हुआ लगातार घंटों तक खाना बनाने का सिलसिला।
 
शेफ़ विष्णु मनोहर ने 12 कैमरों के सामने 53 घंटे में एक हज़ार शाकाहारी व्यंजन बनाकर एक बड़ा रिकॉर्ड बनाने का दावा पेश किया है। उन्होंने हर आठ घंटे में 40 मिनट का एक ब्रेक भी लिया। मराठी रेडियो और टीवी के जाने-माने नाम विष्णु मनोहर कई चैनलों पर कुकरी शो कर चुके हैं। विष्णु देश का सबसे बड़ा पराठा और कबाब बनाने का दावा कर चुके हैं और इस बार उनकी नज़र गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड पर है।
 
ताना मारा तो रिकॉर्ड बनाने का फ़ैसला : दरअसल विष्णु ने तीन दिन और दो रातें लगातार कुल 53 घंटे तक किचन में बिताए और एक हज़ार से भी ज़्यादा शाकाहारी व्यंजन बनाए।
 
विष्णु ने बीबीसी को बताया कि यह नया रिकॉर्ड बनाने का ख़्याल उन्हें तब आया जब कुछ महीने पहले अमरीका में एक सेमिनार के दौरान किसी ने उन्हें लगातार कुकिंग करने वाले अमरीकी शख़्स के वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे मे बताकर तंज़ कसा था, तभी उन्होंने ठान लिया था कि कुकिंग में ऐसा रिकॉर्ड बनाएँगे जिसे तोड़ना मुश्किल होगा। उन्होने फ़ैसला किया कि वो तय समय में सबसे ज़्यादा व्यंजन बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे।
गिनीज़ बुक है लक्ष्य : विष्णु मनोहर के बड़े भाई और मुख्य आयोजकों में से एक प्रवीण मनोहर ने बताया, ''गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को आवेदन करने के बाद पिछले महीने उनका अनुमति पत्र और रजिस्ट्रेशन नंबर आया। निर्धारित समय पर यह प्रयास करना था। लेकिन विष्णु का आगे का शेड्यूल टाइट होने से नागपुर में भीषण गर्मी के बावजूद हमने इसी महीने इसे आयोजित किया।''
 
प्रवीण ने बताया, ''अलग-अलग ऐंगल्स को फ़ोकस करते हुए बारह कैमरे लगाए गए जो लगातार रिकॉर्डिंग करते रहे। डिजिटल वीडियोग्राफ़ी के तमाम हार्ड डिस्क गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के दफ्तर भेजे जाएंगे जहाँ बारीक जांच के बाद 3 महीने में नया रिकॉर्ड स्वीकृत हो पाएगा।
 
यहाँ हर डिश के बनाने के बाद उसका वज़न किया जाता है जो 80 ग्राम से 130 ग्राम के बीच होना चाहिए। इसकी भी वीडियोग्राफ़ी और फ़ोटोग्राफ़ी होती है। पूरा आयोजन टैम्पर प्रूफ़ है, गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं है। गिनीज़ के नॉर्म्स के अनुसार टाइम कीपर्स और विटनेसेस हैं। हर रेसिपी को कितना समय लगा, यह टाइम कीपर्स चेक करते रहे।''
 
घंटों रसोई में रहना एक चुनौती : विष्णु मनोहर के बैक किचन की एक अहम सदस्या माधवी पाटिल का कहना है, ''इस आयोजन के पीछे काफी पूर्व तैयारी की गई है। हम महिलाएँ एक या दो घंटे में किचन से परेशान हो जाती हैं। ऊपर से अगर मेहमान घर पर आ जाएं तो हमारा हाल पूछिए मत। झंझट लगती है। लेकिन वो पुरुष होकर इतनी शिद्दत से ये सब कर रहे हैं। वो ग्रेट हैं।''
प्रवीण मनोहर ने बताया कि गिनीज़ के नियमों के हर एक घंटे के बाद पांच मिनट का ब्रेक दिया जा सकता है। विष्णु ने 8 घंटे के बाद 40 मिनट का आराम किया। फ़्रेश होना, मसाज लेना और कुछ मिनटों की एक झपकी इसमें शामिल थी।
 
जब विष्णु ब्रेक लेते तब डॉ। पिनाक दंदे की टीम उन पर काम शुरू कर देती। डॉ. दंदे बताते हैं "एक महीने से विष्णु मनोहर को तनावमुक्त रहने और सांस संबंधी क्रियाएं सिखाई जा रही थीं। कुकिंग मैराथन में ब्रेक के दौरान ब्लड प्रेशर, ब्लड ग्लूकोज़ लेवल्स, ऑक्सीजन लेवल्स को लगातार मॉनिटर किया गया।''
 
हालांकि विष्णु मनोहर की तरफ़ से सबसे कम समय में सबसे ज़्यादा शाकाहारी व्यंजन बनाने के रिकॉर्ड का दावा पेश कर दिया गया है, लेकिन गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के तमाम पैमानों पर खरा उतरने के बाद ही ये रिकॉर्ड आधिकारिक तौर पर उनके नाम होगा जिसमें तीन महीने तक का वक़्त लग सकता है। 
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