शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. व्यापार
  3. समाचार
  4. GST registration
Written By
Last Modified: सोमवार, 21 अगस्त 2017 (12:50 IST)

कम विक्रय पर जरूरी है GST रजिस्ट्रेशन, जानिए क्यों...

कम विक्रय पर जरूरी है GST रजिस्ट्रेशन, जानिए क्यों... - GST registration
सरकार ने GST के दायरे में प्रत्येक व्यक्ति को लाने का उद्देश्य रखा है इसलिए 20 लाख की लिमिट थोड़े से व्यापार में आगे बढ़ने से ही महत्वपूर्ण नहीं रह जाने से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी हो जाता है। क्योंकि आदमी को कहीं न कहीं मतलब इधर से नहीं तो उधर से पकड़ कर लॉ में रजिस्ट्रेशन कराने हेतु मजबूर कर दिया है। अब बात करते है कैसे यह सब कॉम्बिनेशन काम करते है? 
 
पहला, सरकार ने धारा 9 (3) में कहा है कि सरकार द्वारा किसी नोटीफिकेशन के माध्यम से किसी वस्तु पर कंपलसरी रिवर्स चार्ज (स्पेसीफाइड कैटेगरी) के अंतर्गत खरीदने वाले पर टैक्स भरने की जवाबदारी का कह सकती है भले ही दोनों रजिस्टर्ड हों (उधर धारा 24 M3 कहा है की आप रिवर्स चार्ज की सेवा लेंगे तो रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है, टर्नओवर से लेना देना नहीं है)। इसके अंतर्गत सरकार ने 18 सेवाओ को जरूरी की लिस्ट में डाला है। जैसे- GTA, इंश्योरेंस कंपनी द्वारा एजेंट से सेवा लेना, विदेशी से सेवा लेना, गवर्नमेंट द्वारा कुछ सर्विस छोड़कर सेवा देना, वकील सेवा, स्पांसर सर्वि, अर्बीट्रल ट्रिब्यूनल द्वारा सर्विस, कंपनी का डायरेक्टर, बैंक का रिकवरी एजेंट, शिपिंग विदेश से भारत में, कॉपीराइट का उपयोग का अधिकार देना, रेडियो टैक्सी या यात्री बस जो ई-कॉमर्स ऑपरेटर बुक करता है, इन सभी पर सेवा लेने वाले को टैक्स भरना है, मतलब रजिस्ट्रेशन जरुरी कराना है।
 
गुड्स में काजू यदि उत्पादक से ख़रीदा, तेंदू पत्ता बीड़ी पत्ता किसी उत्पादक से ख़रीदा, तम्बाखू पत्ता खरीदा, सिल्क यार्न किसी भी अनरजिस्टर्ड से ख़रीदा, लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर या लॉटरी एजेंट पर जवाबदारी रिवर्स चार्ज में खरीददार पर डाली है, जो कंपलसरी RCM में है।
  
अब 9 (4) के अंतर्गत सिर्फ कहा हैकि यदि आप रजिस्टर्ड हैं, लेकिन अनरजिस्टर्ड व्यक्ति से खरीदी करते है तो आपको यानी खरीदने वाले को उस पर रिवर्स चार्ज के अंतर्गत टेक्स भरना होगा। 
 
सामान्यत: छोटे-छोटे व्यापारी अनरजिस्टर्ड होते है, जिनसे छोटी खरीदी की आवश्यकता रहती ही है वह माल के पेटे भी हो सकती है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने नोटीफिकेशन के माध्यम से कहा है की यदि कोई व्यक्ति धारा 9 (4) वाले से खरीदी करता है तो एक दिन में अलग अलग अनरजिस्टर्ड व्यक्तियों से अलग-अलग टुकड़े में खरीदी का जोड़ 5000 से ज्यादा नहीं होने पर रिवर्स चार्ज नहीं देना है मतलब कंपोजीशन लेने वाला भी 5000 तक खरीदी एक दिन में अनरजिस्टर्ड से करके रिवर्स चार्ज से बच जाएगा क्योंकि इसमें ककंपोजीशन वालों को बाहर नहीं रखा गया है।
 
नोटीफिकेशन में धारा 9 (3) का जिक्र नहीं है मतलब यदि आप 9 (3) के व्यवसाय में हो तो रिवर्स चार्ज लगेगा, भले ही वह एक दिन में 5000 से कम हो। हां, एक बात और यदि आप कोई एक्सम्प्टेड सर्विस या गुड्स (जिस पर GST निल या एक्सम्प्टेड है) किसी अनरजिस्टर्ड से लेते हैं तो आपको रिवर्स चार्ज की लायबिलिटी नहीं आती है क्योंकि रजिस्टर्ड से भी लेते तो टैक्स तो देना ही नहीं था। 
 
यदि किसी कर्मचारी को बाहर व्यवसाय के काम से भेजा तो टिकट में GST दें, यदि नहीं दिया और कर्मचारी ने अपने नाम से टिकट बना लिया तो GST का ITC नहीं मिलेगा, लेकिन रिवर्स चार्ज भी नहीं लगेगा क्योंकि टिकट पर GST चुकाया हुआ है। यदि आपने कोई माल अनरजिस्टर्ड व्यक्ति (इंटरस्टेट) खरीदा है तो RCM भरने पर भी ITC नहीं मिलेगा क्योंकि एक अनरजिस्टर्ड आदमी इंटरस्टेट माल बेच ही नहीं सकता है। यदि बेच रहा है तो उसे अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन लेना पड़ेगा। रिवर्स चार्ज सिर्फ इंट्रास्टेट में ही लागू होगा। अब आप माह के आखिरी में एक ही कंसोलिडेटेड बिल RCM खरीदी का बना सकते हैं या चाहे तो रोज भी बना सकते हैं। 
 
अब धारा 24 में मुख्‍यत: दो बातें महत्वपूर्ण कही हैं, जो परेशान कर रही हैं। पहली कि यदि आप रिवर्स चार्ज वाली परिभाषा में आते हैं और आप ऐसी कोई सेवा लेते है जो अनिवार्य रिवर्स चार्ज में है जो कि ऊपर 9 (3) में बताई है जिसमे GTA महत्वपूर्ण है, लेकिन इसमें प्रोप्रायटर फर्म (इंडिविजुअल) शामिल नहीं होने से यदि कोई GTA किसी प्रोप्रिएटर अपंजीकृत व्यक्ति का माल ले जाता है तो टैक्स की लायबिलिटी GTA की रहेगी या आप कोई इंटरस्टेट विक्रय करते है तो आपको किसी भी हालात में रजिस्ट्रेशन कराना ही है।
 
इस प्रकार अब जो पार्टनरशिप फर्म/क./सोसाइटी कोई GTA की सर्विस लेता है और भाडा 750 के ऊपर देता है तो उसे रजिस्ट्रेशन कराना ही है। भले ही टर्नओवर 20 लाख से कम हो।
 
मतलब 9 (3) में (स्पेसीफाईड कैटेगरी) में व्यापार अनरजिस्टर्ड या रजिस्टर्ड से किया तो 5000 की छूट की परिभाषा में इस राशि को नहीं जोड़ेंगे, मतलब इस पर तो RCM लगेगा ही। 9 (4) की परिभाषा में अनरजिस्टर्ड से इंट्रास्टेट ख़रीदा तो भी नहीं चलेगा और यदि कोई अनरजिस्टर्ड है और वह 9 (3)  (स्पेसीफाइड कैटेगरी) की सेवा या माल खरीदी करता है तो उसे कंपलसरी रजिस्ट्रेशन लेना ही है, इसमें छोटी-छोटी भागीदारी फर्म, कंपनी, सोसायटी जो 20 लाख से कम का व्यापार करती थी GTA की वजह से अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के दायरे में आ गई है, क्योंकि कभी ना कभी तो भाड़ा चुकाना ही पड़ता है।
ये भी पढ़ें
स्पा और मसाज पार्लर से 65 महिलाएं मुक्त