गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. poem for kids
Written By

हिन्दी कविता : मुस्काए शाला के आंगन...

हिन्दी कविता : मुस्काए शाला के आंगन... - poem for kids
-  हरीश दुबे
 
देख-देख बच्चे मनभावन
मुस्काए शाला के आंगन
 
भोली-भाली हंसी फूल-सी
जैसे महका-महका उपवन
 
मीठे-मीठे शब्द झरे यूं
रिमझिम जैसे बरसे सावन
 
एक से सबने कपड़े पहने
एक ही रहना कहते गुरुजन
 
माटी भी जिसकी चंदन है
ऐसा अपना देश है पावन। 

साभार- देवपुत्र

 
ये भी पढ़ें
प्रवासी साहित्य : गुंजित पुरवाई...