करवा चौथ या करक चतुर्थी विशेषकर स्त्रियों का सुहाग पर्व है। इस व्रत को करने से सौभाग्य की वृद्धि होती है। इस बार यह पर्व 17 अक्टूबर 2019 को आ रहा है। आइए जानें इस दिन क्या करें।
प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर वस्त्राभूषण से सज्जित होकर श्री गणेशजी का पूजन करें।
श्रद्धापूर्वक 10 करवे भगवान गणेश के आगे रखें तथा भक्तिपूर्वक प्रार्थना करें- हे करुणासिन्धु, हे श्री गणेश, हे विघ्ननाश करने वाले गजानन, मुझ पर प्रसन्न हों। मेरा सौभाग्य अटल रखें।
करवे ब्राह्मणों तथा सुहागन स्त्रियों को आदरपूर्वक दक्षिणा सहित बांट दें।
रात्रि में चन्द्रोदय होने पर चन्द्रमा को दूध मिश्रित जल से अर्घ्य दें। व्रत पूर्ति पर मिष्ठान्न भोजन किया जाता है। 12 या 16 वर्षों तक करने का विधान है। चलनी में से चन्द्र दर्शन तथा अपने पति का मुख देखने की परंपरा है। जैसी भी स्थिति, स्थान आदि की परंपरा हो, पालन करें।
कृष्ण चतुर्थी व्रत पूजन हर माह की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। यदि घर में कोई विशेष गणेश प्रतिमा या यंत्रादि हो तो उसका पूजन भली-भांति कर दिनभर गणेश स्मरण करते रहें।
गणेशजी के 7 दिव्य मंत्र यहां दिए जा रहे हैं :
(1) 'ॐ गं गणपतये नम:।'
(2) 'ॐ वक्रतुण्डाय हुं।'
(3) 'हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा।'
(4) 'लम्बोदराय विद्महे महोदराय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात्।'
(5) 'महोत्कटाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्।'
(6) 'तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्।'
(7) 'एकदन्ताय विद्महे हस्तिमुखाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्।'
गणेशजी को अर्घ्य निम्न मंत्र से दें-
'गणेशाय नमस्तुभ्यं सर्वसिद्धि प्रदायक।
संकष्टहर मे देव गृहाणर्घ्यं नमोस्तुते।
कृष्णपक्षे चतुर्थ्यां तु सम्पूजित विधूदये।
क्षिप्रं प्रसीद देवेश गृहाणर्घ्यं नमोस्तुते।'
पूजन हेतु मंत्र
'ॐ शिवायै नमः' से पार्वती का, 'ॐ नमः शिवाय' से शिव का, 'ॐ षण्मुखाय नमः' से स्वामी कार्तिकेय का, 'ॐ गणेशाय नमः' से गणेश का तथा 'ॐ सोमाय नमः' से चंद्रमा का पूजन करें।
करवों में लड्डू का नैवेद्य रखकर नैवेद्य अर्पित करें। एक लोटा, एक वस्त्र व एक विशेष करवा दक्षिणा के रूप में अर्पित कर पूजन समापन करें। करवा चौथ व्रत की कथा पढ़ें अथवा सुनें।