अहमदाबाद: गुजरात टाइटंस के खिलाफ आखिरी पांच गेंद में पांच छक्के लगाकर कोलकाता नाइट राइडर्स को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टी20 मुकाबले में रविवार को यादगार जीत दिलाने वाले रिंकू सिंह ने अपने हर छक्के को उनके लिए संघर्ष करने वाले परिवार को समर्पित किया।
रिंकू उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के बेहद सामान्य परिवार से आते है। उनके पिता घरों में गैस सिलेंडर को पहुंचाने का काम करते थे। परिवार को कर्ज के बोझ से बाहर निकालने के लिए रिंकू उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम के खिलाड़ी के तौर पर मिलने वाले वजीफे को बचाने के साथ घर में नौकर का काम भी कर चुके हैं।
उन्होंने 21 गेंद में छह छक्के और एक चौका लगाकर गुजरात के जबड़े से जीत छीन ली।इस 25 साल के खिलाड़ी ने पिछले सत्र में भी 15 गेंद में 40 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली थी लेकिन लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ इस मैच के आखिरी ओवर में टीम जीत के लिए जरुरी 21 रन नहीं बना पाई थी।
रिंकू ने गुजरात के खिलाफ यादगार पारी खेलने के बाद कहा, मुझे यकीन था कि मैं यह कर सकता हूँ। पिछले साल मैं लखनऊ में ऐसी ही स्थिति में था। विश्वास तब भी था। मैं ज्यादा सोच नहीं रहा था बस एक के बाद एक शॉट लगाते चला गया।
उन्होंने कहा, मेरे पिता ने बहुत संघर्ष किया, मैं एक किसान परिवार से आता हूं. हर गेंद जो मैंने मैदान से बाहर मारी वह उन लोगों को समर्पित थी जिन्होंने मेरे लिए इतना बलिदान दिया।
केकेआर के कप्तान नीतिश राणा ने कहा, रिंकू ने पिछले साल ऐसा ही कुछ किया था, हालांकि हम वह मैच नहीं जीत पाए थे। गुजरात के खिलाफ जब दूसरा छक्का लगा तो हमने और विश्वास करना शुरू कर दिया क्योंकि यश दयाल अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। सारा श्रेय रिंकू सिंह को जाता है।
कोलकाता नाइट राइडर्स के बल्लेबाज वेंकटेश अय्यर ने इंडियन प्रीमियर लीग मैच में रविवार को यहां आखिरी पांच गेंदों पर पांच छक्के लगाकर टीम को यादगार जीत दिलाने वाले रिंकू सिंह को लॉर्ड की उपाधि देते हुए कहा कि इस वामहस्त बल्लेबाज ने उन्हें हार से बचा लिया।
अय्यर ने 40 गेंद में 83 रन की पारी खेल टीम की जीत की नींव रखी लेकिन 17वें ओवर में गुजरात के कप्तान राशिद खान ने हैट्रिक लेकर मैच पर अपनी टीम की पकड़ मजबूत कर ली।
रिंकू ने 19वें ओवर की आखिरी दो गेंदों पर छक्का और चौका जड़े जिसके के बाद 20वें ओवर में टीम को 29 रन की जरूरत थी। उमेश यादव ने पहली गेंद पर एक रन लिया और रिंकू ने इसके बाद यश दयाल के खिलाफ लगातार पांच छक्के जड़ 21 गेंद में 48 रन की पारी से टीम के यादगार जीत दिला दी।
अय्यर ने मैच के बाद कहा, यह काफी करीबी मुकाबला था, बेहद खुश हैं कि हमने मैच जीत लिया। हमारे कोच ने हमेशा कहा है कि हम किसी भी दिन 200 का स्कोर बना सकते हैं। ईमानदारी से कहूं तो विकेट बल्लेबाजी के लिए काफी अच्छा था। जब लक्ष्य 200 का हो तो आप कम स्कोर वाले ओवर नहीं खेल सकते है। मैं बस अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करने की कोशिश कर रहा था।
टीम में इंपैक्ट खिलाड़ी के तौर पर आये इस बल्लेबाज ने कहा, मेरी और नीतिश (राणा) की अच्छी साझेदारी हुई थी। दुर्भाग्य से हम रास्ता भटक गए लेकिन लॉर्ड रिंकू ने बचा लिया। सच कहूं तो हमें अब भी विश्वास था कि हम जीत सकते हैं। यह हमें सिखाता है कि हमें आखिरी गेंद तक हार नहीं माननी चाहिए।अय्यर ने कहा कि इस जीत से टीम का मनोबल काफी बढ़ेगा।गुजरात टाइटंस के कार्यवाहक कप्तान राशिद ने भी रिंकू की शानदार पारी की तारीफ की।
उन्होंने कहा, यह हमारे लिए कठिन मैच रहा। खासकर कप्तान के तौर पर मेरे लिए। आपको आखिरी ओवर में लगभग 30 रन का बचाव करना था। पिछले साल हमारे साथ भी ऐसा ही हुआ था जब हम जीते थे। हम इससे सीखेंगे। क्रिकेट के प्रशंसकों को हालांकि यह पसंद आयेगा।
उन्होंने दयाल का बचाव करते हुए कहा, यह इस बारे में अधिक था कि वह अपनी योजनाओं पर भरोसा करे और सहज रहे। राशिद ने कहा, रिंकू ने अविश्वसनीय शॉट खेले और जिस तरह से उसने मैच खत्म किया उसका श्रेय उसे मिलना चाहिये।
(भाषा)