• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. अश्वेत मां ने श्वेत शिशु को जन्म दिया
Written By

अश्वेत मां ने श्वेत शिशु को जन्म दिया

अश्वेत मां ने श्वेत शिशु को जन्म दिया - अश्वेत मां ने श्वेत शिशु को जन्म दिया
ऐसी घटना दस लाख अवसरों में से मात्र एक बार होती है। इस घटना ने न केवल दाइयों वरन सभी को चौंका दिया। जब ‍लिटिल जोनाह पैदा हुआ तो पूरी तरह से श्वेत था जबकि उसकी मां कैथरीन हावर्थ अश्वेत है और वह नाइजीरियाई मूल की है। जब कैथरीन हावर्थ को दाई ने उसका नया नवजात शिशु सौंपा तो उन्हें पूरी तरह विश्वास था कि दाई से कोई गलती हो गई है और उसके हाथों में गलत शिशु आ गया है। 
 
उसका शिशु पूरी तरह से श्वेत था जबकि उसकी मां पूरी तरह से अश्वेत रंग की। हालांकि बेबी जोनाह के पिता एक श्वेत हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि शिशु के श्वेत होने की संभावना मात्र दस लाख अवसरों में एक होती है। इस चमत्कार से उसकी मां भी आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रह सकी। 32 वर्षीय कैथरीन का कहना है कि दाई ने उन्हें देखा और बाद में जोनाह को और फिर से कैथरीन को। वह विश्वास नहीं कर पा रही थी। 
 
डॉक्टरों का कहना है कि यह बहुत अधिक दुर्लभ मामला है। कैथरीन ही नहीं, उसका पति रिचर्ड भी आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रह सका। 34 वर्षीय रिचर्ड एक मेडिकल रिक्रूटमेंट कंसलटेंट हैं और उन्हें भी पक्का भरोसा था कि यह संतान भी सांवले रंग की होगी। उनका यह शिशु मिल्टन कीन्स अस्पताल में 1 जून को जन्मा था। उनका कहना था कि जब मैंने अपने बेटे जोनाह पर निगाह डाली तो यह पूरी तरह से खुशी और राहत की थी कि वह पूरी तरह से स्वस्थ और मजबूत था। चूंकि उसकी गर्दन के आसपास उसकी गर्भनाल लिपटी हुई थी इसलिए वह थोड़े पीले रंग का प्रतीत हुआ। पर कुछेक घंटों के बाद ही उसका रंग उसके चेहरे पर दिखने लगा।
 
कैथरीन और मैंने गौर किया कि उसका रंग मेरी तरह का था और इस पर हमें आश्चर्य हुआ दाइयों और डॉक्टरों ने कहा कि उसके इसी रंग के बने रहने की संभावना है। एक वित्तीय विश्लेषक कैथरीन का कहना है कि कुछ बच्चे जन्म के कुछेक सप्ताहों के बाद सांवले रंग के हो जाते हैं, जबकि उनका असली रंग दिखना स्पष्ट होता है। लेकिन जोनाह के कानों के छोर से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह किस रंग का होगा। हम तुरंत समझ गए थे कि वह पूरी तरह से श्वेत रहेगा। मिल्टन कीन्स के कैथरीन और रिचर्ड और बच्चे चाहते हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि अब बच्चों के श्वेत होने की संभावना नहीं के बराबर है।