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Last Modified: इस्लामाबाद , गुरुवार, 5 मार्च 2015 (19:20 IST)

मुशर्रफ ने कारगिल केस में कयानी को अंधेरे में रखा

मुशर्रफ ने कारगिल केस में कयानी को अंधेरे में रखा - Pervez Musharraf
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ ने 1999 में कारगिल अभियान को लेकर जनरल अशफाक परवेज कयानी को अंधेरे में रखा था जबकि कयानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की सुरक्षा के जिम्मेदार सुरक्षाबलों के प्रमुख थे।
 
पूर्व मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अब्दुल मजीद मलिक ने अपनी किताब ‘हम भी वहां मौजूद थे’ में इस बात पर जोर दिया है कि कयानी उस 12वीं डिवीजन के अगुवा थे, जो पीओके की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थी लेकिन उस अभियान को लेकर उन्हें भरोसे में नहीं लिया गया जिसको लेकर पाकिस्तान और भारत परमाणु युद्ध के निकट पहुंच गए थे।
 
कयानी को बाद में मुशर्रफ ने ही अपना उत्तराधिकारी चुना था। वे 2007 में मुशर्रफ के स्थान पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख बने और 6 साल तक इस पद पर रहे।
 
अपनी पुस्तक में मलिक ने कहा कि जनरल मुशर्रफ ने कयानी को विश्वास में नहीं लिया जिन्होंने बाद में इस अभियान का विरोध किया। कयानी अथवा मुशर्रफ ने इस किताब पर अब तक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
 
अपनी पुस्तक में मलिक ने कहा कि मुशर्रफ इस अभियान के लिए पूरी तरह जिम्मेदार थे और यहां तक कि पूरे कारगिल अभियान के बारे में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी नहीं बताया गया। (भाषा)