• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Narendra Modi
Written By
Last Updated : शनिवार, 29 जून 2019 (00:17 IST)

जी 20 शिखर सम्मेलन में बोले मोदी, आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा

जी 20 शिखर सम्मेलन में बोले मोदी, आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा - Narendra Modi
ओसाका (जापान)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है, जो न सिर्फ बेगुनाहों की जान लेता है बल्कि आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।
 
जापान के ओसाका शहर में 'ब्रिक्स' नेताओं की अनौपचारिक बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद और नस्लवाद का समर्थन करने वाले सभी माध्यम को बंद करने की जरूरत है। आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह न सिर्फ बेकसूरों की जान लेता है बल्कि आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है।
 
विदेश सचिव विजय गोखले ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के विषय पर कहा कि यह एक वैश्विक चुनौती है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इससे अवश्य ही सामूहिक रूप से लड़ना चाहिए।

ब्रिक्स नेताओं के साथ चर्चा पर गोखले ने कहा कि उन्होंने बहुपक्षीय चुनौतियों की भी चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि इन चीजों से एकपक्षीयता के बजाय स्थापित संस्थाओं के जरिए निपटना चाहिए। चर्चा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग तथा रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन भी मौजूद थे।
 
प्रधानमंत्री जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ओसाका पहुंचे हैं। उन्होंने जेयर बोल्सोनारो को ब्राजील का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी और ब्रिक्स समूह में उनका स्वागत किया।
 
ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) नेताओं की मुलाकात के दौरान उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को भी बधाई दी।

अपनी टिप्पणी में मोदी ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को मजबूत बनाने, संरक्षणवाद का मुकाबला करने, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ने की जरूरत पर बल दिया।
 
उन्होंने कहा कि आज मैं 3 प्रमुख चुनौतियों पर अपना ध्यान केंद्रित करूंगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता है। नियम आधारित बहुपक्षीय वैश्विक व्यापार प्रणाली पर एकपक्षीयता और प्रतिस्पर्धा का प्रभाव पड़ रहा है। संसाधनों की कमी, आधारभूत ढांचे में निवेश में लगभग 1.3 खरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की कमी है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास को सतत और समावेशी बनाना एक अन्य चुनौती है। साथ ही डिजिटलाइजेशन जैसी तेजी से बदलती तकनीकें और जलवायु परिवर्तन का मुद्दा मौजूदा और आने वाली पीढ़ियों के लिए चुनौती पेश करते हैं। 
ये भी पढ़ें
monsoon update: मुंबई में हुई भारी बारिश, 3 की मौत, 5 घायल