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शाकाहारी मोदी और दक्षेस रिट्रीट की शाकाहारी दावत

शाकाहारी मोदी और दक्षेस रिट्रीट की शाकाहारी दावत - Narendra Modi
-शोभना जैन
नई दिल्ली/काठमांडू। यहां चल रहे दक्षेस शिखर बैठक मे गुरुवार को 'धुलीखेल रिट्रीट' में राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के लिए विशुद्ध शाकाहारी व्यजंनों की दावत दी गई। अठारहवीं दक्षेस शिखर बैठक में क्षेत्रीय सहयोग को लेकर किए जा रहे विचार विमर्श को लेकर सहमति-असहमति, भारत पाक रिश्तों में जमी बर्फ के बीच 'धुलीखेल' के मनोहारी माहौल मे दक्षेस के सभी शिखर नेताओं ने इन शाकाहारी व्यंजनों का जायका लिया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाकाहारी हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट करके इस शाही दावत के मेन्यु की जानकारी देते हुए लिखा कि भोजन मे परंपरागत शाकाहारी व्यंजनों की शाकाहारी नेपाली थाली के साथ विभिन्न तरह के सलाद, अचार, चटनी के साथ दक्षेस के आठों सदस्य देशों के मिष्ठान परोसे गए, जिन्हें 'सार्क सिम्फनी' का नाम दिया गया गया। इसमे भारतीय मिष्ठान था- 'गुजरात की मशहूर जलेबी'  जो कि  बसुंदी के साथ परोसी गई। पाकिस्तान की तरफ से 'शाही टुकड़ा' परोसा गया।
 
गौरतलब है कि इस तरह की शिखर बैठकों में रिट्रीट का आयोजन इसलिए किया जाता है ताकि औपचारिक विचार विमर्श से अलग हटकर शिखर नेता किसी मनोरम जगह हल्के-फुल्के माहौल में अनौपचारिक व खुलकर बातचीत कर सकें। इस रिट्रीट में नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला की पहल पर मोदी व पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हाथ मिलाया, जबकि कल शिखर बैठक के दौरान दोनों ने एक दूसरे से नजरें तक नहीं मिलाई थीं। रिट्रीट की दावत के दौरान सभी शिखर नेताओं ने एक मेज पर बैठकर खाना खाया, शायद भारत की जलेबी से रिश्तों मे कुछ मिठास आ सके।
 
इसी बीच, नेपाल में भी प्रधानमंत्री मोदी का सादा शाकाहारी भोजन और बरसों से की जा रही योगाभ्यास की जीवन शैली सुर्खियों में रही। शिखर बैठक के लिए काठमांडू के होटल क्राउन प्लाजा काठमांडू-सोलटी दक्षेस होटल मे ठहरे हुए मोदी को बुधवार को दोपहर के भोजन में उन्हें जीरा चावल के साथ दाल और तवा रोटी तथा वेज सूप के अलावा दो तरह की सब्जियां परोसी गईं। 
 
जानकारों के अनुसार देश में इस दिनचर्या के पालन के साथ मोदी विदेशी दौरे में दुनिया के शीर्ष नेताओं से अहम मुलाकातों के दौरान भी इसी तरह के भोजन को तरजीह देते हैं। उनका सहयोगी स्टाफ भी इस बात का पूरा खयाल रखता है है कि विदेश यात्राओं के दौरान खास तौर पर अलग-अलग टाइम जोन में यात्रा कर रहे प्रधानमंत्री के चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए उनका खानपान वैसे ही सादा और सात्विक बना रहे। प्रधानमंत्री का खाना बनाने और उनके खानपान का खयाल रखने की जिम्मेवारी उनके विश्वासपात्र बद्री मीणा की है, जो उनका भोजन तैयार करते हैं।
 
कब क्या खाते हैं मोदी : मोदी का खाने का मेन्यु लगभग एक सा तय रहता है। सप्ताह में तीन चार बार वे खिचड़ी ही खाते हैं। नाश्ते में वह आमतौर पर इडली-डोसा या हल्के गुजराती व्यंजन, फल, चाय व बिस्कुट लेते हैं। बिना मसाले वाली सब्जियों और परंपरागत गुजराती करी के तो वह शौकीन हैं ही। बद्री पिछले 13 वर्षों से मोदी के साथ हैं। राजस्थान के रहने वाले बद्री विदेश यात्राओं के दौरान मोदी के साथ जाने वाली टीम में शामिल होते हैं।
 
करीब 20 साल पहले  बद्री राजस्थान के उदयपुर जिले के बिलक गांव से गुजरात गए ते। गांधीनगर में भाजपा के मुख्यालय में काम करने लगे उस ऑफिस में परोसी जाने वाले दलिया और खिचड़ी के जायके ने मोदी का ध्यान बद्री की ओर खींचा। वर्ष 2001 में मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो बद्री उनसे मिलने गए और तब से वे मोदी के स्टाफ में शामिल है।