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Last Modified: वॉशिंगटन , रविवार, 3 मई 2015 (19:43 IST)

'मंगल' यात्री हो सकते हैं डिमेंशिया के शिकार

'मंगल' यात्री हो सकते हैं डिमेंशिया के शिकार - Mangal
वॉशिंगटन। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि मंगल ग्रह की यात्रा करने वाले अंतरिक्ष यात्री के दिमाग पर विनाशकारी अंतरिक्षीय विकिरणों का प्रहार होने से उन्हें हमेशा के लिए मनोभ्रंश यानी इरिवर्सबल डिमेंशिया हो सकता है। जिन शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी दी है उनमें कुछ भारतीय मूल के भी हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि अत्यंत ऊर्जावान आवेशित कणों के संपर्क में आने से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर काफी बुरा असर पड़ता है जिससे सोचने-समझने की क्षमता को नुकसान हो सकता है।
 
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इरवाइन (यूसीआई) के प्रोफेसर चार्ल्स लिमोली ने कहा कि यह उन अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बुरी खबर है, जो 2-3 साल के लिए मंगल की यात्रा पर हैं।
 
लिमोली ने कहा कि अंतरिक्ष में उड़ान के दौरान काम करने की क्षमता में गिरावट आती है। याददाश्त में कमी आती है। जागरूकता एवं फोकस का स्तर कम होता है। इससे मिशन के लिए निर्णायक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ता है और इन कणों के संपर्क में आने पर ताउम्र के लिए सोचने-समझने की क्षमता को नुकसान हो सकता है। (भाषा)