भारत को बड़ी कामयाबी! कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक
इस्लामाबाद-नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव के मामले में भारत को एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय सफलता मिली है। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नागरिक जाधव को कथित तौर पर 'जासूसी करने' और 'विध्वंसक गतिविधियां चलाने' के आरोप में 4 अप्रैल को जो फांसी की सजा सुनाई थी, उस पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने रोक लगा दी है। फांसी की सजा पर यह रोक अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने भारत की अपील पर लगाई है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है कि अंतराष्ट्रीय कोर्ट ने भारत की अपील स्वीकार करते हुए जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। सुषमा इससे पहले जाधव की मां से भी मिली थीं। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में इस मामले में भारत की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील रखी थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
भारत ने कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान से 16 बार काउंसल एक्सेस मांगा था लेकिन पाकिस्तान ने उसे यह एक्सेस नहीं दिया। भारत इस ने इस पूरे मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे स्वीकार करते हुए जाधव की फांसी को रोकने का आदेश किया गया है।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने भारत की ओर से यह कहे जाने के बाद कि नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यवसाय कर रहे जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था, उन्हें मिली फांसी की सजा की तामील पर स्थगन लगा दिया है।
पाकिस्तान के फिल्ड जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा पिछले महीने जाधव को मौत की सजा सुनाई गई। इसे लेकर भारत ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी और ‘सोच समझ कर की जाने वाली हत्या’को अंजाम दिए जाने की स्थिति में द्विपक्षीय संबंधों में खटास और परिणाम भुगतने की चेतावनी पाकिस्तान को दी थी। भारत यह स्वीकार करता है कि जाधव ने नौसेना में सेवा दी है लेकिन इसे इनकार करता है कि अब उसका सरकार से कोई लेना-देना है।
सनद रहे कि कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया था और वे ईरान से पाकिस्तान में घुसे थे। उन पर आरोप लगाया गया है कि वे भारत की खुफिया सेवा रॉ से जुड़े हैं और पाकिस्तान में 'विध्वंसक गतिविधियों' की योजनाएं बना रहे थे, लेकिन दूसरी ओर भारत सरकार का मानना है कि उन्हें ईरान से पकड़कर पाकिस्तान लाया गया है।
कुलभूषण जाधव एक रिटायर्ड नौसेना अधिकारी हैं, जिन्हें रॉ का एजेंट बताया जा रहा है। अप्रैल, 2016 में पाक सरकार ने उन पर आतंकवादी और तोड़फोड़ की कार्रवाइयों में लिप्त होने का आरोप लगाया था।
इसी वर्ष मार्च में विदेशी मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने सीनेट में घोषणा की थी कि जाधव को भारत को वापस नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को भारतीय दूतावास के अधिकारियों से संपर्क भी नहीं करने दिया गया था।
इसी साल 4 अप्रैल को एक गुप्त सुनवाई में जाधव को मौत की सजा सुनाई गई। आईएसआई की प्रवक्ता एजेंसी, इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने जाधव की मौत की सजा के विषय में आधिकारिक बयान जारी किया था कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने जाधव को मौत की सजा सुनाई लेकिन भारत के अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में दखल के बाद उनकी फांसी पर रोक लगा दी गई है। (वेबदुनिया न्यूज)