गुरुवार, 28 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Imran Khan Kashmir Pakistan
Written By
Last Updated : गुरुवार, 29 नवंबर 2018 (15:37 IST)

इमरान ने अलापा कश्मीर का राग, भारत का करारा पलटवार

इमरान ने अलापा कश्मीर का राग, भारत का करारा पलटवार - Imran Khan Kashmir Pakistan
करतारपुर/नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के साथ ‘मजबूत एवं शिष्ट’ संबंधों की वकालत करने के बावजूद कश्मीर मुद्दे का राग फिर से छेड़ा। हालांकि भारत ने इस पर करारा पलटवार करते हुए कहा कि इमरान ने करतारपुर साहिब गलियारे की नींव रखे जाने के पवित्र अवसर का उपयोग इसके अभिन्न एवं अविभाज्य अंग (जम्मू-कश्मीर) का ‘अवांछित उल्लेख’ करने के लिए किया।
 
इमरान ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के नेतृत्व की ‘इच्छाशक्ति और सामर्थ्य’ से कश्मीर सहित सभी मुद्दों का हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच एक ही मुद्दा है..वह है कश्मीर।  उन्होंने करतारपुर गलियारे की नींव रखने जाने के जिस कार्यक्रम में यह बात कही उसमें पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी मौजूद थे।
 
 
इमरान ने सीमा के दोनों ओर दो पवित्र गुरुद्वारों को जोड़ने के लिए एक ऐतिहासिक गलियारे का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं तथा ‘कोई मूर्ख व्यक्ति ही यह सोच सकता है कि कोई परमाणु युद्ध जीत सकता है।’ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल एवं हरदीप सिंह पुरी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए।
 
 
इमरान ने समारोह में किए गए अपने संबोधन में एक बार भी आतंकवाद का उल्लेख नहीं किया। भारत सदा से ही यह कहता रहा है कि पाकिस्तान की तरफ से अंजाम दी जाने वाली आतंकवादी गतिविधियां उसके लिए चिंता का मुख्य विषय हैं।
 
 
आपस में कई युद्ध लड़ चुके और अब एक दूसरे के साथ शांति के साथ रह रहे फ्रांस एवं जर्मनी का उदाहरण देते हुए इमरान ने कहा कि मैं कह रहा हूं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, सत्तारूढ़ पार्टी, अन्य राजनीतिक पार्टियां और पाकिस्तान की सेना एकमत हैं। हम आगे बढ़ना चाहते हैं, हम एक मजबूत एवं शिष्ट संबंध चाहते हैं (भारत के साथ)।’
 
 
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की तरफ से गलतियां हुई हैं तथा दोनों पक्षों को अतीत में नहीं रहना चाहिए।  इमरान ने कहा कि हमारे सामने सिर्फ एक समस्या है, कश्मीर। अगर आदमी चंद्रमा पर चल सकता है तो कौन सी समस्याएं हैं, जिनका हम हल नहीं कर सकते? क्या हम एक मुद्दे का हल नहीं कर सकते?

हमें सिर्फ दोनों ओर प्रतिबद्ध नेतृत्व चाहिए। उन्होंने एक बार फिर कहा कि यदि मित्रता के लिए भारत एक कदम आगे बढ़ाएगा तो पाकिस्तान दो कदम बढ़ेगा।
 
 
इसके कुछ ही समय बाद विदेश मंत्रालय ने इमरान के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए नई दिल्ली में जारी एक वक्तव्य में कहा कि यह बेहद खेदजनक है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस पवित्र अवसर को राजनीतिक रंग देने के लिए चुना जो सिख समुदाय की करतारपुर गलियारा विकसित करने की लंबे समय से की जा रही मांग को साकार करने से जुड़ा अवसर था।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे अवसर पर अवांछित तौर पर कश्मीर का उल्लेख किया गया जो भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है।
 
 
मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले क्षेत्र में सीमापार आतंकवाद को सभी तरह का समर्थन और आश्रय देना बंद करने के लिए प्रभावी और विश्वसनीय कार्रवाई करे और अपनी अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही को पूरा करे।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हैदराबाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि करतारपुर गलियारा पहल का पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया से कोई लेना- देना नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जब तक आतंकवादी गतिविधियों से हाथ नहीं खींच लेता, उसके साथ कोई वार्ता नहीं होगी।
 
 
पाकिस्तान ने मंगलवार को कहा था कि वह दक्षेस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करेगा। गलियारे की नींव रखे जाने के अवसर पर हरसिमरत कौर ने कहा कि यदि बर्लिन की दीवार गिर सकती है, तो भारत एवं पाकिस्तान के बीच घृणा एवं अविश्वास भी समाप्त हो सकता है।

पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस गलियारे की तुलना बर्लिन की दीवार से की थी जो पूर्वी एवं पश्चिमी जर्मनी को बांटती थी। इस दीवार को 1989 में गिरा दिया गया।
 
 
यह बहुप्रतीक्षित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा को जोड़ेगा। इस गलियारे से भारतीय सिख श्रद्धालु गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा रहित यात्रा कर सकेंगे।

माना जाता है कि करतारपुर में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अंतिम सांस ली थी। करतारपुर साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है और डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर दूर है।

सिख गुरु ने 1522 में इस गुरुद्वारे की स्थापना की थी। इमरान ने कहा कि भारत एवं पाकिस्तान को दक्षिण एशिया क्षेत्र में इस तरह के और कदम उठाने की आवश्यकता है।
 
 
सिद्धू की प्रशंसा : इमरान ने इस अवसर पर मौजूद भारत पाकिस्तान के सिख समुदाय को आश्वासन दिया कि अगले वर्ष गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर करतारपुर साहिब की सुविधाएं और बेहतर होंगी। समारोह में इमरान ने दोनों देशों के बीच शांति लाने के लिए सिद्धू के प्रयासों की भी सराहना की।

उन्होनें कहा कि हमें उम्मीद हैं कि हमें सिद्धू के वजीर ए आजम (प्रधानमंत्री) बनने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, मैं भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता हूं। लोग शांति चाहते हैं।
 
सिद्धू ने इस अवसर पर कहा कि बहुत हिंसा हो चुकी है तथा यह गलियारा क्षेत्र में शांति लाने का एक प्रमुख अवसर होगा। उल्लेखनीय है कि भारत ने करीब 20 साल पहले पाकिस्तान को इस गलियारे के बारे में प्रस्ताव दिया था। (भाषा)