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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 30 अप्रैल 2016 (07:35 IST)

पाकिस्तान का एफ-16 का सौदा पड़ा खटाई में

पाकिस्तान का एफ-16 का सौदा पड़ा खटाई में - F-16 deal postponed
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एफ-16 का सौदा अब खटाई में पड़ गया है। यानि पिछले 6 महीने से भारत जिस मिशन पर लगा हुआ था। आखिरकार उसका नतीजा आ गया। अमेरिकी संसद ने एफ-16 के लिए पाकिस्तान को आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है। अमेरिका संसद ने तय कर दिया है कि अमेरिकी जनता के पैसे पर पाकिस्तान को एफ-16 नहीं दिए जाएंगे। अब अगर पाकिस्तान को एफ-16 खरीदना है, तो पूरे 700 मिलियन डॉलर उसे अपनी जेब से देने होंगे।
कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान की इतनी हैसियत नहीं कि वो अपनी फटी हुई जेब से पैसे निकालकर अमेरिकी लड़ाकू विमान खरीद सके। वो तो इन विमानों को भीख में हासिल करना चाहता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। जो ओबामा प्रशासन पिछले कुछ महीनों से ये दुहाई दे रहा था कि उसे मजबूरी में पाकिस्तान को एफ-16 देने की पड़ेंगे।
 
अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी मुहिम छेड़ी कि नवाज शरीफ और राहिल शरीफ के सपने चकनाचूर हो गए। इसमें सबसे बड़ी भूमिका सीनेट की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सीनेटर बॉब कार्कर ने निभाई। अमेरिकी विदेश मंत्री डॉन केरी के सामने उन्होंने पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा दीं।
 
बॉब कार्कर ने सवाल उठाते हुए पूछा कि आतंक को मदद करने वाले पाकिस्तान को अमेरिकी जनता के पैसे से क्यों लड़ाकू विमान दिए जाएं? आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जबकि पिछले साल अमेरिका ने इस बात का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था कि वो पाकिस्तान को लड़ाकू विमान समेत तमाम दूसरी रक्षा सुविधाएं भी मुफ्त में देने जा रहा है।
 
दरअसल, विदेश मामलों की समिति के सामने ओबामा सरकार ने तमाम दावे और दलीलें पेश कीं, लेकिन वो पाकिस्तान के पक्ष में माहौल बनाने में नाकाम रही। बैठक के दौरान बॉब क्रॉकर ने साफ कहा कि अमेरिकी जनता के पैसे को पाकिस्तान पर खर्च करने का कोई मतलब नहीं है। पाकिस्तान ने हर बार साबित किया है कि वो आतंकियों का मददगार है।
 
अमेरिका के खिलाफ तमाम हमलों में पाकिस्तान ने अहम भूमिका निभाई है। ओबामा प्रशासन को अमेरिकी लोगों की कमाई बर्बाद करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। अमेरिका को पाकिस्तान के साथ F-16 लड़ाकू विमान की डील तुरंत रद्द करनी चाहिए। बॉब क्रॉकर ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा माहौल बनाया कि दूसरे सांसद भी ओबामा सरकार की दलीलों को खारिज करने लगे।
 
सांसदों की एक राय थी कि पाकिस्तान चुनौतियों को सुलझाने के बजाय समस्याएं बढ़ाने वाला देश है। ये सांसद खुद अफगानिस्तान जाकर देखकर आए थे कि कैसे अमेरिकी फौजियों को पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन बेरहमी से मार रहे हैं? इसलिए जब इन सांसदों के सामने विदेश मंत्री जॉन केरी ने कुछ बोलना चाहा तो उन्हें मुंह की खानी पड़ी। अमेरिकी से इस तरह के झटके की पाकिस्तान को उम्मीद नहीं थी। हक्के-बक्के पाकिस्तान ने बयान जारी किया है कि हथियारों की बिक्री की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है और इस मौके पर हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
 
जाहिर है पाकिस्तान की बोलती बंद है। वो अब अमेरिका को सफाई दे रहा है कि एफ-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल आतंकवाद के ही खिलाफ किया जाएगा, लेकिन कोई उसके इस झूठ पर यकीन करने के लिए तैयार नहीं। दशकों तक दुनिया को झूठ बोलकर ही पाकिस्तान ने अपने लिए आर्थिक मदद जुटाई है, लेकिन अब अमेरिकी सांसद भी नींद से जाग रहे हैं। खुद आतंक को सामने देख अब उन्हें भारत के जख्म दिखाई देने लगे हैं। अब अमेरिकी कांग्रेस का मन नहीं बदला तो पाकिस्तान को कभी भी मुफ्त में एफ-16 लड़ाकू विमान नहीं मिल पाएंगे।
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