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Last Modified: बुधवार, 10 अप्रैल 2019 (22:54 IST)

जलियांवाला बाग नरसंहार को ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने इतिहास पर धब्बा बताया, विपक्ष ने कहा माफी मांगे

जलियांवाला बाग नरसंहार को ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने इतिहास पर धब्बा बताया, विपक्ष ने कहा माफी मांगे - deeply regret jallianwala bagh massacre theresa may tells british parliament
लंदन। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने अमृतसर के जलियांवाला नरसंहार कांड की 100वीं बरसी के मौके पर बुधवार को इस कांड को ब्रिटिश इतिहास में‘शर्मसार करने वाला धब्बा’करार दिया, लेकिन उन्होंने इस मामले में औपचारिक माफी नहीं मांगी। विपक्ष के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने थेरेसा से साफ, स्पष्ट और विस्तृत माफी मांगने के लिए कहा।
 
हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रधानमंत्री के साप्ताहिक प्रश्नोत्तर की शुरुआत में उन्होंने अपने बयान में इस घटना पर ‘खेद’जताया, जो ब्रिटिश सरकार पहले ही जता चुकी है।
 
उन्होंने एक बयान में कहा कि 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार की घटना ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर शर्मसार करने वाला धब्बा है। जैसा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 1997 में जलियांवाला बाग जाने से पहले कहा था कि यह भारत के साथ हमारे अतीत के इतिहास का दु:खद उदाहरण है।
 
उन्होंने कहा कि कुछ हुआ और लोगों को वेदना झेलनी पड़ी, उसके लिए हमें गहरा खेद है। मैं खुश हूं कि आज ब्रिटेन-भारत के संबंध साझेदारी, सहयोग, समृद्धि और सुरक्षा के हैं।
 
भारतवंशी समुदाय ब्रिटिश समाज में बहुत योगदान दे रहा है और मुझे विश्वास है कि पूरा सदन चाहेगा कि ब्रिटेन के भारत के साथ संबंध बढ़ते रहें।
 
विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने मांग की कि नरसंहार में मारे गए लोग उस घटना के लिए पूरी तरह स्पष्ट माफी के हकदार हैं। जलियांवाला बाग नरसंहार अमृतसर में 1919 में अप्रैल माह में बैसाखी के दिन हुआ था।