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Last Modified: बर्न , बुधवार, 2 सितम्बर 2015 (20:59 IST)

'कालेधन' के खिलाफ भारत की मदद करेगा स्विट्जरलैंड

'कालेधन' के खिलाफ भारत की मदद करेगा स्विट्जरलैंड - Black money
बर्न। स्विट्जरलैंड की सरकार ने कर अपराधों की जांच कर रहे दूसरे देशों को चोरी से हासिल सूचनाओं और आंकड़ों के आधार पर भी सहयोग करने के लिए अपने कानून में संशोधन का बुधवार को प्रस्ताव किया। 
पर इसके लिए शर्त है कि ऐसे मामलों में ब्योरा प्रशासनिक चैनल या सार्वजनिक सूत्रों  के माध्यम से मिला होना चाहिए। माना जा रहा है कि इस कदम से भारत को कालेधन के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।
 
स्विस संघीय परिषद ने बुधवार को इस बारे में एक विधेयक को मंजूरी दे दी। यह स्विट्जरलैंड सरकार की शीर्ष नीति-निर्माता इकाई है। इस पर सार्वजनिक विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस पर संसद में चर्चा होगी।
 
यह प्रस्ताव भारत की दृष्टि से काफी महत्व रखता है। भारत सैकड़ों ऐसे मामलों की जांच कर रहा है जिनमें उसके नागरिकों ने स्विस बैंकों में कालाधन जमा किया हुआ है। ये नाम एचएसबी की जिनेवा शाखा में खाताधारकों की लंबी सूची में हैं। यह सूची बैंक के एक पूर्व कर्मचारी द्वारा चुराई गई थी।
 
यह सूची फ्रांसीसी सरकार के पास पहुंची थी, जिसने इसके नामों को भारत सरकार के साथ साझा किया। स्विट्जरलैंड के घरेलू कानून के तहत चोरी के आंकड़ों के आधार पर आपसी सहयोग करने की अनुमति नहीं है। 
 
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संधि होने के बावजूद स्विट्जरलैंड के अधिकारी इसी कानून की वजह से भारत के साथ सूचनाएं साझा करने से इनकार करते रहे हैं। 
 
हालांकि स्विट्जरलैंड ने इस बात पर सहमति दी है कि यदि भारत इन लोगों के बारे में स्वतंत्र प्रमाण पेश करता है तो वह उनके बारे में सूचना साझा कर सकता है। इस मार्ग से भारतीय कर विभाग को कुछ मामलों में ब्योरा मिला है। (भाषा)