FILE वॉशिंगटन। अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) द्वारा भाजपा की निगरानी किए जाने के खुलासे के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। एनएसए द्वारा भाजपा की निगरानी किए जाने के खुलासे के बाद नयी दिल्ली ने कड़ी आपत्ति जताई है।विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। संवाददाताओं ने एनएसए द्वारा भाजपा की निगरानी किए जाने के खुलासे के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया को लेकर सवाल पूछे थे।इस सप्ताह के शुरू में वॉशिंगटन पोस्ट द्वारा सार्वजनिक किए गए दस्तावेज में कहा गया था कि एनएसए ने जिन संगठनों की निगरानी के लिए अनुमति मांगी थी उनमे विदेशी राजनीतिक दलों की सूची में भाजपा का नाम था। भाजपा के अलावा सूची में लेबनान का दल अमाल, वेनेजुएला का बोलीवैरियन कॉन्टीनेन्टल को.ऑर्डिनेटर, मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड और ईजिप्शियन नेशनल साल्वेशन फ्रंट तथा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी भी शामिल थे।जेन साकी ने कहा कि हम द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा जारी रखने के लिए आशान्वित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवत: सितंबर में अमेरिका के दौरे पर आएंगे। इस बारे में साकी ने कहा कि मोदी को आमंत्रित किया गया है और हम संबंध में बेहद उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में अमेरिकी राजनयिकों ने भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की है।उन्होंने कहा कि मैं पुष्टि कर सकती हूं कि हमारे दूतावास के राजनयिकों ने उनके विदेश मंत्रालय में अपने समकक्षों से इस मुद्दे पर मिल कर बात की है। भारत का सीधा संदर्भ दिए बिना प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहा है।क्या अब भी भाजपा की जासूरी कर रहा है अमेरिका...