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Last Updated : शनिवार, 11 मई 2024 (13:10 IST)

प्रजातंत्र का उत्सव

poems about voting
poems about voting
विवेक कुमार शर्मा
 
प्रजातंत्र का उत्सव आया, जन गण मन का गान करें।
लोकतंत्र मजबूत बनाने, शत प्रतिशत मतदान करे। लोकतंत्र...
 
धर्म, पंथ, भाषाएं अपनी, अलग-अलग हो सकती है।
राष्ट्र प्रथम है प्रथम ही अपना, प्यारा संविधान धरे। लोकतंत्र...
 
तंत्र दिया है संविधान ने, अपना शासन चुनने को।
आया अवसर पास हमारे, अब इसका संधान करे। लोकतंत्र…
 
जनमत संग्रह गोपनीय है, निष्पक्ष और निर्भीक रहे।
लालच और दबाव में आकर, नहीं अपना नुकसान करें। लोकतंत्र…
 
यह नहीं सोचे एक वोट से क्या अंतर आ जायेगा।
इक इक बूंद घड़े को भरती, स्वविवेक से ध्यान करे। लोकतंत्र …
 
ये अधिकार मिला है सबको, सबकी जिम्मेदारी है।
उंगली पर इक तिलक लगाके, खुद का भी सम्मान करे। लोकतंत्र…
 
लोकतंत्र मजबूत बनाने, शत प्रतिशत मतदान करे। 

विवेक कुमार शर्मा
(शिक्षक, शास.अहिल्या आश्रम कन्या उ.मा.विद्यालय क्र. 2 इंदौर)

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