शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Hindi Poem On water
Written By सुशील कुमार शर्मा

जल पर हाइकु रचना : पानी-जल-नीर

जल पर हाइकु रचना :  पानी-जल-नीर - Hindi Poem On water
सिर पे घड़ा
चिलचिलाती धूप
तलाशे पानी।
 
शीतल नीर
अमृत-सी सिंचित
मन की पीर।
 
जल का कल
यदि नहीं रक्षित
सब निष्फल।
 
उदास चूल्हे
नागफनी का दंश
सूखता पानी
 
नदी में नाव
बैलगाड़ी की चाप
स्वप्न-सी बातें।
 
सूखते पौधे
गमलों में सिंचित
पानी चिंतित।
 
पानी की प्यास
माफियाओं ने लूटी
नदी उदास।
 
जल के स्रोत
हरियाली जंगल
संरक्षित हों।
 
जल की बूंदें
अमृत के सदृश्य
सीपी में मोती।
 
जल जंगल
मानव का मंगल
नूतन धरा।
 
पानी का मोल
खर्चना तौल-तौल
है अनमोल।
 
हाइड्रोजन
ऑक्सीजन के अणु
बनाते पानी।
 
अमूल्य रत्न
बचाने का प्रयत्न
सुखी भविष्य।
ये भी पढ़ें
नन्ही की पुकार : भ्रूण की हत्या