कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय और प्रतिष्ठित पत्रिका ‘कलावार्ता’ का एक बार फिर से प्रकाशन शुरू हुआ है। इसका पहला अंक प्रकाशित भी हो चुका है। मध्यप्रदेश कला परिषद के समकालीन सृजनकर्म पर आधारित यह पत्रिका उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी का प्रकाशन है।
गौरतलब है कि तकरीबन 7 से 8 वर्ष पहले इस पत्रिका का प्रकाशन किन्हीं कारणों से बंद हो गया था।
लेकिन कुछ महीनों पहले ख्यात चित्रकार अखिलेश के उस्ताद अलाउद्दीन खां एवं कला अकादमी के निदेशक बनने के बाद अकादमी के कई बंद पड़ी योजनाओं को शुरू करने का प्रयास किया गया है। इसी कोशिश के बाद ‘कलावार्ता’ का पहला अंक इसी साल प्रकाशित हुआ है।
चित्रकार अखिलेश ने बेवदुनिया डॉट कॉम से विशेष चर्चा में बताया कि किसी जमाने में ‘कलावार्ता’ एक बेहद महत्वपूर्ण पत्रिका हुआ करती थी, उन्होंने बताया कि इसमें प्रकाशित कला, संस्कृति और साहित्य संबंधी सामग्री को पढ़ने के लिए पाठक खासतौर से प्रतीक्षा करते थे। ‘कलावार्ता’ न सिर्फ मध्यप्रदेश में बल्कि पूरे देश में लोकप्रिय रही है। चित्रकार अखिलेश के मुताबिक वरिष्ठ लेखक अशोक वाजपेयी समेत श्रीराम तिवारी, उदय प्रकाश, राकेश श्रीमाल जैसे कवि और साहित्यकार लंबे समय तक इस पत्रिका के अतीत से जुड़े रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जब अलाउद्दीन खां अकादमी में उन्हें निदेशक की भूमिका मिली तो अकादमी की कई पुरानी अच्छी योजनाओं को शुरू करना उनकी प्राथमिकता में था, इसी क्रम में सबसे पहले ‘कलावार्ता’ पर ध्यान गया और इसका प्रारंभ शुरू हो सका। उन्होंने बताया कि अच्छी बात तो यह है कि पत्रिका के प्रकाशन के बाद देशभर से शुभकामना संदेश मिल रहे हैं। इससे पता चलता है कि पाठकों को इसका इंतजार था। उन्होंने बताया कि इसी तरह और भी योजनाएं शुरू करना उनकी प्राथमिकता में है।
‘कलावार्ता’ के अतिथि संपादक और वरिष्ठ कला लेखक व समीक्षक राजेश्वर त्रिवेदी के मुताबिक पत्रिका को इतने वर्षों में फिर से प्रकाशित करने के कोई प्रयास नहीं किए गए थे, यह बेहद खुशी की बात है कि अब यह प्रतिष्ठित पत्रिका हमारे हाथों में है।
राजेश्वर ने बताया कि पहले अंक में मनीषा कुलश्रेष्ठ, चेतन आदित्य, नवीन रांगियाल, अभिलाष खांडेकर, संजीव झा, उदय भवालकर, अखिलेश, अनिरुद्ध उमट, प्रीति मान, सीरज सक्सेना, शम्पा शाह, मनीष पुष्कले, संगीता गुंदेचा और अभिषेक शुक्ला को आमंत्रित किया गया था। इन लेखकों और कलाकारों ने विभिन्न विषयों पर बहुत सुदंर लेखन किया है। इन विषयों में संगीत, फिल्म, रेखाचित्र, पेंटिंग, लेखन, गायन, नृत्य समेत साक्षात्कार आदि विधाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दूसरा अंक भी जल्द ही प्रकाशित होने वाला है, इसे तैयार किया जा रहा है, हमारी कोशिश रहेगी कि यह और भी बेहतर हो। मैं स्वयं भी इसमें कुछ नया करने के लिए उत्सुक हूं।