शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. आलेख
  4. Art & Heart
Written By

आर्ट एन हार्ट ने त्योहारों के मौसम में सजाया 'रंग उजाला'

आर्ट एन हार्ट ने त्योहारों के मौसम में सजाया 'रंग उजाला' - Art & Heart
दीपावली पर खिलते रंगों और माटी की महक से आर्ट एन हार्ट ने रंग उजाला  नामक सुंदर प्रदर्शनी का आयोजन किया।   
 
चित्रकला के क्षेत्र में 8 वर्षों से लगातार इंदौर शहर की संस्‍था आर्ट एंड हार्ट कला आयोजन करती आ रही है। संस्था 100 से अधिक कलाकारों को प्रमोट कर चुकी है व 40 से अधिक समूह प्रदर्शनी आयोजित कर चुकी है। इंदौर की इस संस्था ने ताजा कड़ी में 'रंग उजाला' नाम से दीपावली पर्व पर 4 दिनी कला उत्सव आयोजित किया।
 
आर्ट एंड हार्ट के संस्थापक अध्यक्ष एवं शो के क्यूरेटर प्रदीप कनिक के अनुसार 'रंग उजाला' कला उत्सव में 27 कलाकारों की 100 से अधिक कृतियां प्रस्तुत की गई, जिसमें चित्र, शिल्प, ग्राफिक, म्यूरल, कोलॉज आदि थे। इस कला उत्सव का शुभारंभ शंकर लालवानी (अध्यक्ष, आईडीए) ने दीप जलाकर किया। यह कला प्रदर्शनी 15 अक्टूबर तक सुबह 11 से रात 8 बजे तक दर्शकों ने नि:शुल्क देखी। 
 
इसमें कलाकारों द्वारा अलग-अलग माध्यम जैसे ऑइल ऑन कैनवास, एक्रेलिक ऑन कैनवास, वॉटर कलर ऑन पेपर, ऑइल पेस्टल ऑन पेपर, कोलॉज आदि में चित्रों की रचना की एवं शिल्प व म्यूरल को मिट्टी, फाइबर, काष्ठ आदि में रचा गया। सभी कलाकारों ने अपने-अपने मन के भावों को अपने-अपने अंदाज में रचा। विभिन्न शैलियों में जैसे रियलिस्टिक, सेमी रियलिस्टिक, एब्स्ट्रैक्ट, लैंडस्केप, फिगरेटिव, स्टिल लाइट, कोलॉज आदि में रचना कर्म को अंजाम दिया गया।
कला उत्सव में 14 अक्टूबर, शनिवार की शाम वरिष्‍ठ चित्रकार अमिता पंचाल ने पेंटिंग व स्कैचिंग का लाइव डेमो दिया व दर्शकों को अपने रचना-कर्म की बारीकियों से परिचित कराया। इसका सभी दर्शकों ने नि:शुल्क फायदा लिया। 
 
रविवार, 15 अक्टूबर के समापन सत्र में वरिष्‍ठ शिल्पकार अजय पुन्यासी मिट्टी में शिल्प कैसे रचें, इसका लाइम डेमो दिया व मिट्टी के अन्य माध्‍यम जैसे प्लास्टर, मेटल, फाइबर, रबर आदि में कैसे ढालें, यह बताया व शिल्प रचना की बारीकियां भी समझाई। इसका भी सभी दर्शकों ने नि:शुल्क फायदा लिया।
 
4 दिन तक सुबह 11 से रात 8 बजे तक चलने वाले इस कला उत्सव 'रंग उजाला' में 27 वरिष्‍ठ व नवोदित कलाकार शामिल हुए। शिल्पकारों में अजय पुन्यासी एवं एलएन मयूर व चित्रकारों में चन्द्रशेखर शर्मा, अमिता पंचाल, शोभा शर्मा, मंशा प्रदीप, संध्या सालुंके, निवेदिता शुक्ला, सोनल तिवारी, डॉ. विजय सोनी, कैलाशचन्द्र शर्मा, डॉ. अश्विनी डाश, दीपक पंचाल, इस्माइल लहरी, हर्षलसिंह राठौर, नेहा जैन, सतीश कुमार जोशी, संजय लाहोरी, प्रांशु पार, मृत्युंजय पुन्यासी, रिदम शुक्ला, प्रीति अय्यर, रुचि अफाले, मुनाफ शेख, प्रज्ञा श्रॉफ, दीपाली मूंदड़ा एवं प्रदीप कनिक रहे।