X-Ray से मिनटों में पता चलेगा कोविड का, कितना कारगर है RT-PCR का यह विकल्प, जानें इस नई तकनीक के बारे में
कोविड की बेकाबू रफ्तार से बिना कोई लक्षण के लोग भी कोविड संक्रमण की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। लेकिन कोविड काल में उतनी ही तेजी से तकनीकियां भी इजाद हुई है। जहां पहले टेस्ट में घंटों का वक्त लगता था अब वह भी नहीं लगेगा। जी हां, और मिनटों में ही अब कोविड का पता चल जाएगा। कोरोना का ओर तेजी से पता लगाने के लिए नई एक्स-रे तकनीक को यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट स्कॉटलैंड के वैज्ञानिकों प्रोफेसर नईम रमजान, गेब्रियाल ओकोलो और डॉ स्टामोस कैट्सिगियनिस ने विकसित किया है। यह एक्स रें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है।इस नई तकनीक से मिनटों में कोरोना का पता चल जाएंगा। आइए जानते हैं किस तरह से काम करती है कोविड की ये नई तकनीक, RT-PCR से किस तरह अलग है।
98 फीसदी सटीक परिणाम -
यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट स्कॉटलैंड ने इस पर रिसर्च की। जिसमें कोविड संक्रमित, स्वास्थ्य व्यक्तियों और वायरल निमोनिया से पीड़ित लोगों के करीब 3 हजार एक्स रे इमेज का डेटाबेस होता है। जिसमें ए आई आधारित एक्स-रे से इन सभी इमेज के स्कैन की तुलना की गई।
इसके बाद एक ओर ए आई तकनीक डीप कन्वेशनल न्यूरल नेटवर्क के माध्यम से एल्गोरिदम के जरिए विजुअल इमेजरी का विश्लेषण कर पता करने की कोशिश की गई की क्या व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं। शोध के इस तकनीक के माध्यम से 98 फीसदी तक सटीक परिणाम सामने आए।
भारत भी कर चुका है AI आधारित तकनीक का ट्रायल -
मई 2021 में देश में कोविड जांच के लिए AI आधारित तकनीक की घोषणा की थी। डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने ATMAN AI नाम की एप्लीकेशन विकसित की थी। जिससे चेस्ट का एक्स-रे कर AI का इस्तेमाल किया जा सकता।
परीक्षण के दौरान यह तकनीक करीब 96 फीसदी तक सफल पाई गई। हालांकि भारत में अभी आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट के इस्तेमाल से ही टेस्ट किया जा रहा है।
एक्स रे से कोविड की जांच के ये 5 फायदे -
- उन देशों के लिए कारगर जहां कोविड की जांच के लिए पर्याप्त उपकरण भी उपलब्ध नहीं।
- AI तकनीक से कोरोना का पता कुछ ही मिनटों में चल जाएगा।
- कोविड का जितना जल्दी पता चलेगा, उतनी तेजी से इलाज संभव हो सकेगा।
- कोविड से ठीक होने के बाद आरटी-पीसीआर की बजाए इस जांच से मिनटों में पता लगाया जा सकता है कि आपको कोविड है या नहीं।
लेकिन क्या आरटी-पीसीआर टेस्ट को रिप्लेस कर देगी एक्स-रे तकनीक?
इस तकनीक के बारे में विशेषज्ञ की राय है कि वायरस का पता लगाने में यह साबित होंगी। लेकिन पूरी तरह से एकदम से नहीं हटाया जा सकता। क्योंकि संक्रमण के शुरुआती लक्षण एक्स रे में नजर नहीं आते हैं।
वर्तमान में इन तरीकों से होती है कोविड टेस्ट की जांच -
रैपिड एंटीजन टेस्ट और आरटी-पीसीआर टेस्ट।
- दरअसल, रैपिड एंटीजन टेस्ट में वायरस के सरफेस पर प्रोटीन की पहचान के जरिए संक्रमण का पता 30 मिनट के अंदर चल जाता है। हालांकि इसका रिजल्ट बहुत सटीक नहीं माना जाता है।
- वैरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती है। लेकिन आरटी पीसीआर और एंटीजन टेस्ट से उसकी पहचान नहीं की जा सकती है।
- हालांकि आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए वायरस के जेनेटिक मटेरियल की पहचान की जाती है। इसका रिजल्ट सही आता है लेकिन 2 से 3 घंटे का वक्त लगता है।