Nautapa: प्रतिवर्ष ग्रीष्म ऋतु में नौतपा प्रारंभ होता है। सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तो उन पंद्रह दिनों के शुरुआती 9 दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। इस दौरान धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है। इसी दौरान कुछ जगहों पर आंधी तूफान और बादलों के आने का दौर भी प्रारंभ हो जाता है। इसीलिए इन 9 दिनों में पांच तरह की सावधानी जरूर रखें।
क्या हो सकता है नौतपा का नुकसान : नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती जिसके चलते तापमान बढ़ता है। ऐसे में लू लगने, डिहाइड्रेट के कारण डायरिया होने, पेचिस और उल्टियां होने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार सिर में खून के गर्म होने से व्यक्ति की जान भी चली जाती है। बच्चों और वृद्धों को इस दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। बगैर कुछ खाए पिए घर से न निकलें। परंरपरा के अनुसार नौतपा के दौरान महिलाएं हाथ पैरों में मेहंदी लगाती हैं, क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होती है। इसके अलावा सिर पर चंदन लगा सकते हैं।
1. क्या खाएं क्या न खाएं : दही, मक्खन, तरबूज, खरबूज, खीरा, गुलुकंद, ककड़ी, प्याज, खाएं। तली हुई या मसालेदार चीज़ों से दूर रहें, मांस न खाएं, मिर्च का उपयोग कम कर दें। गर्म खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। बासी भोजन न करें।
2. क्या पीएं क्या न पीएं : नारियल पानी, जलजीरा, नीम्बू पानी, लस्सी, मट्ठा (छांछ), आम का पना, बेल का रस और खस का शरबत पीएं। साफ पानी पीएं। इन सबके अलावा समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार ग्लुकोज का सेवन करते रहें और अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल अनावश्यक न करें। एकदम ठंडा या फ्रिज का पानी न पीएं। मटके का पानी पीएं। शराब, कॉफी या कैफीन से बचें।
3 क्या पहनें : नरम, मुलायम, सूती कपड़े पहनें जिससे हवा और कपड़े शरीर के पसीने को सोखते रहे। नौतपा के दौरान खुले शरीर बाहर न निकलें, टोपी पहने, कानों को ढंककर रखें और आंखों पर धूप का चश्मा जरूर लगाएं।
4. टेंप्रेचर का रखें ध्यान : एसी से निकलते ही एकदम धूप या गर्मी में न जाएं या तेज गर्मी से एकदम एसी में न जाएं। नार्मल टेंप्रेचर में रहें।
5. लू लगने पर क्या करें : यदि लू लगने के लक्षण नजर आते हैं तो पैरों के तलवे में प्याज का का रस लगाएं या कटा हुआ प्याज घिसे। ज्यादा परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।