बूढ़े को मां की गाली
गालिब के लतीफे
गालिब को उनके हासिद अक्सर फहश ख़त लिखा करते थे- किसी ने एक ख़त मे गालिब को मां की गाली लिखी। पढ़कर गालिब मुस्कुराए और कहने लगे- उल्लू को गाली देना भी नहीं आती। बूढ़े या अधेड उम्र के लोगों को बेटी की गाली देते हैं ताकि उसको गैरत आए। जवान को जोरू की गाली देते हे क्योंकि उसको जोरू से ज्यादा लगाव होता है। बच्चे को मां की गाली देते है के वह मां के बराबर किसी से मानूस नहीं होता। यह पागल तो 72 साल के बूढ़े को मां की गाली देता है। इससे ज्यादा कौन बेवक़ूफ होगा।