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 Remedies for good sleep: क्या आप भी रात में घंटों करवटें बदलते रहते हैं? क्या सुबह उठने पर आपको थकान महसूस होती है? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अच्छी और गहरी नींद लेना एक चुनौती बन गया है। लेकिन गहरी और आरामदायक नींद केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन की नींव है। यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, याददाश्त और यहाँ तक कि हमारी भावनाओं को भी प्रभावित करती है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे अचूक उपाय, जो आपको एक शांत और गहरी नींद दिलाने में मदद कर सकते हैं।
Remedies for good sleep: क्या आप भी रात में घंटों करवटें बदलते रहते हैं? क्या सुबह उठने पर आपको थकान महसूस होती है? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अच्छी और गहरी नींद लेना एक चुनौती बन गया है। लेकिन गहरी और आरामदायक नींद केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन की नींव है। यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, याददाश्त और यहाँ तक कि हमारी भावनाओं को भी प्रभावित करती है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे अचूक उपाय, जो आपको एक शांत और गहरी नींद दिलाने में मदद कर सकते हैं।
                     What to keep in north direction of house : भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है, जो घर की ऊर्जा और दिशाओं के सही उपयोग पर आधारित है। वास्तु के अनुसार, घर की उत्तर दिशा को धन और समृद्धि का केंद्र माना जाता है। इस दिशा के स्वामी भगवान कुबेर हैं, जिन्हें देवताओं का कोषाध्यक्ष कहा जाता है। यही कारण है कि धनवान लोग अपने घरों में इस दिशा का विशेष ध्यान रखते हैं। कुछ ऐसी खास वस्तुएं हैं, जिन्हें इस दिशा में रखने से धन-समृद्धि का प्रवाह बढ़ता है और घर में कभी कंगाली नहीं आती। आइए जानते हैं इन 4 चीजों के बारे में:
What to keep in north direction of house : भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है, जो घर की ऊर्जा और दिशाओं के सही उपयोग पर आधारित है। वास्तु के अनुसार, घर की उत्तर दिशा को धन और समृद्धि का केंद्र माना जाता है। इस दिशा के स्वामी भगवान कुबेर हैं, जिन्हें देवताओं का कोषाध्यक्ष कहा जाता है। यही कारण है कि धनवान लोग अपने घरों में इस दिशा का विशेष ध्यान रखते हैं। कुछ ऐसी खास वस्तुएं हैं, जिन्हें इस दिशा में रखने से धन-समृद्धि का प्रवाह बढ़ता है और घर में कभी कंगाली नहीं आती। आइए जानते हैं इन 4 चीजों के बारे में:
                     fat burning herbal drinks: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मोटापा एक आम समस्या बन गई है। वजन घटाने के लिए लोग अक्सर जिम, डाइट प्लान और महंगे सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे रसोईघर में ही कई ऐसे प्राकृतिक पेय मौजूद हैं जो वजन कम करने में बेहद प्रभावी हैं? ये देसी ड्रिंक्स न केवल फैट बर्न करने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर को डिटॉक्सिफाई भी करते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही असरदार देसी ड्रिंक्स के बारे में, जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
fat burning herbal drinks: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मोटापा एक आम समस्या बन गई है। वजन घटाने के लिए लोग अक्सर जिम, डाइट प्लान और महंगे सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे रसोईघर में ही कई ऐसे प्राकृतिक पेय मौजूद हैं जो वजन कम करने में बेहद प्रभावी हैं? ये देसी ड्रिंक्स न केवल फैट बर्न करने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर को डिटॉक्सिफाई भी करते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही असरदार देसी ड्रिंक्स के बारे में, जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
                     मध्यप्रदेश आज अपनी स्थापना के 70वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। एक नवंबर 1956 को अस्तित्व में आये मध्यप्रदेश में विकास की नई यात्रा विगत दो दशकों से आरंभ हुई, जो प्रदेश को देश में अग्रणी राज्य बनाने की संभावनाओं तक पहुंच गई है। यह सुखद संयोग है कि आज देवउठनी ग्यारस के पावन अवसर पर राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हमारे तीज, त्यौहार और परंपराएं हमारी संस्कृति का आधार हैं। उत्सव के आनंद से ही भविष्य निर्माण के भाव निर्मित होते हैं। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रदेश में सभी त्यौहारों को व्यापक स्वरूप में मनाया जा रहा है। अपने त्यौहारों का सांस्कृतिक संदर्भ ही हमें पुरातन से नूतन की प्रेरणा देता है।
मध्यप्रदेश आज अपनी स्थापना के 70वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। एक नवंबर 1956 को अस्तित्व में आये मध्यप्रदेश में विकास की नई यात्रा विगत दो दशकों से आरंभ हुई, जो प्रदेश को देश में अग्रणी राज्य बनाने की संभावनाओं तक पहुंच गई है। यह सुखद संयोग है कि आज देवउठनी ग्यारस के पावन अवसर पर राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हमारे तीज, त्यौहार और परंपराएं हमारी संस्कृति का आधार हैं। उत्सव के आनंद से ही भविष्य निर्माण के भाव निर्मित होते हैं। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रदेश में सभी त्यौहारों को व्यापक स्वरूप में मनाया जा रहा है। अपने त्यौहारों का सांस्कृतिक संदर्भ ही हमें पुरातन से नूतन की प्रेरणा देता है।
                     Dev Uthani Ekadashi Bhog: देव उठनी एकादशी के इस दिन श्रद्धा और प्रेम से लगाए गए सात्विक भोग से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि तथा वैवाहिक सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर आप भी इस दिन भगवान शालीग्राम का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको तुलसी विवाह के अवसर पर कुछ खास भोग अर्पित करने चाहिए।
Dev Uthani Ekadashi Bhog: देव उठनी एकादशी के इस दिन श्रद्धा और प्रेम से लगाए गए सात्विक भोग से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि तथा वैवाहिक सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर आप भी इस दिन भगवान शालीग्राम का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको तुलसी विवाह के अवसर पर कुछ खास भोग अर्पित करने चाहिए।
                     Madhya Pradesh and Chhattisgarh History: 01 नवंबर को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस मनाया जाता है। यह दिन इन दोनों राज्यों के इतिहास और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश, जिसे 'भारत का दिल' भी कहा जाता है, और छत्तीसगढ़, जिसे 'धान का कटोरा' कहा जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहर के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं।
Madhya Pradesh and Chhattisgarh History: 01 नवंबर को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस मनाया जाता है। यह दिन इन दोनों राज्यों के इतिहास और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश, जिसे 'भारत का दिल' भी कहा जाता है, और छत्तीसगढ़, जिसे 'धान का कटोरा' कहा जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहर के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं।
                     Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti: राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भारत सरकार ने इस दिन को 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में घोषित किया था। उन्होंने आज़ादी के बाद 565 से अधिक रियासतों का भारतीय संघ में विलय सुनिश्चित कर आधुनिक भारत की नींव रखी।
Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti: राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भारत सरकार ने इस दिन को 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में घोषित किया था। उन्होंने आज़ादी के बाद 565 से अधिक रियासतों का भारतीय संघ में विलय सुनिश्चित कर आधुनिक भारत की नींव रखी।