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Written By भाषा
Last Modified: सोलापुर , मंगलवार, 8 अप्रैल 2014 (15:06 IST)

आसान दिख रही है सुशील कुमार शिन्दे की राह

आसान दिख रही है सुशील कुमार शिन्दे की राह -
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सोलापुर। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में छाए रहने के बावजूद सुशील कुमार शिन्दे के कांग्रेस के इस पारंपरिक गढ़ से चौथी बार लोकसभा चुनावों में जीत की राह आसान दिख रही है और कथित ‘मोदी लहर’ के बावजूद यहां भाजपा की चुनौती मंद नजर आती है।

73 वर्षीय शिन्दे को विशेष रूप से उनके मौखिक विवेक के लिए नहीं जाना जाता। उन्होंने हाल में मीडिया को ‘कुचलने’ से जुड़ी टिप्पणी की थी।

इससे पहले भी वो भगवा आतंकी शिविरों पर अपने बयान, साथ ही यह कहना कि लोगों के जेहन से जिस तरह ‘बोफोर्स कांड’ मिट गया, उसी तरह वो ‘कोलगेट’ को भी भूल जाएंगे और जया बच्चन पर उनकी उत्तेजक टिप्पणी कि वह अब संसद में हैं और उन्हें अब बॉलीवुड जैसी नाटकीयता से बचना चाहिए, को लेकर लगातार विवादों में रहे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद पश्चिमी महाराष्ट्र के उनके गृह संसदीय क्षेत्र में उनके लिए चुनौती मुश्किल नहीं नजर आ रही।

कांग्रेस आलाकमान के वफादार नेता शिन्दे ने राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ने के लिए अपने दलित कार्ड का जमकर इस्तेमाल किया। अदालत में कार्यरत एक चपरासी के पद से सत्ता के गलियारों तक पहुंचने का उनका सफर शानदार रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने से लेकर केंद्रीय मंत्री बनने तक उनका राजनीतिक उत्थान भी बेमिसाल रहा है।

इस बार शिन्दे की अनुपस्थिति में उनकी विधायक बेटी प्रणीती और पत्नी उज्जवला उनका प्रचार कर रही हैं। भाजपा ने इस सीट से शरद बंसोडे को दोबारा चुनावी मैदान में उतारा है। शहरी एवं ग्रामीण खंडों वाले सोलापुर संसदीय क्षेत्र में 17 अप्रैल को चुनाव होने वाले हैं।

बंसोडे स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के विचारों के प्रसार के लिए शहर में देशभक्ति के मंच का निर्माण कर युवाओं में लोकप्रिय हो गए हैं। लेकिन उनके कांग्रेस के जमीनी स्तर के वोट बैंक को सेंधने की उम्मीद नहीं है, यह वोट बैंक शिन्दे के समर्थन का अधार है।

शिन्दे की जीत को लेकर भरोसा जताते हुए गृह मंत्री के कांग्रेसी समर्थकों ने कहा कि उन्होंने एमआईडीसी सुविधाओं के उन्नयन, एनटीपीसी पॉवर ग्रिड की स्थापना कर अलग अलग क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को गति देकर और शहर में बेहतर संपर्क के लिए कई राजमार्ग निर्माण परियोजनाएं लागू कर, सोलापुर के विकास के लिए बहुत कुछ किया।

सांसद के तौर पर शिन्दे के कामकाज पर सवाल उठाते हुए बंसोडे ने कहा कि दिल्ली में उंचे पद पर होने के बावजूद, कांग्रेसी नेता सोलापुर के विकास और जलापूर्ति की समस्या खत्म करने के अपने वादे पूरे करने में असफल रहे। (भाषा)