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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 12 जनवरी 2021 (17:27 IST)

EXCLUSIVE: सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सामने नहींं जाएंगे किसान,आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा का फैसला: मेधा पाटकर

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मेधा पाटकर से EXCLUSIVE बातचीत

EXCLUSIVE: सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सामने नहींं जाएंगे किसान,आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा का फैसला: मेधा पाटकर - Farmers organizations will not be presented before the Supreme Court committee: Medha Patkar
नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों बीच बने गतिरोध को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से खारिज कर दिया गया है। किसान आंदोलन से जुड़ी सामजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने 'वेबदुनिया' से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई कमेटी में नहीं जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने पूरे मुद्दे के हल के लिए कमेटी बनाए जाने पर भी सवाल उठाया है।
मेधा पाटकर ने नए कृषि कानून को लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक प्रकार से किसानों की जीत है लेकिन अभी अंतिम मंजिल तक पहुंचना बाकी है। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आगे की रणनीति पर हमारी पूरी कमेटी मिलकर निर्णय करेगी। 

‘वेबदुनिया’ से बातचीत में किसान आंदोलन की प्रमुख रणनीतिकार मेधा पाटकर कहती हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों को लागू करने रोकना एक महत्वपूर्ण कदम है लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि वह कोर्ट की बनाई किसान कमेटी में नहीं जाएंगे। वह कहती हैं कि किसान संगठनों की मांग कानून वापसी की है, इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी ने नहीं जाने का निर्णय लिया है। वह आगे कहती है कि  कमेटियों को लेकर हमारे अनुभव अच्छे नहीं रहे है। ऐसे मामले कमेटियों में जाने से लंबे खींच जाते है क्योंकि समय सीमा नहीं होती है। वहीं कमेटियों में सरकार के गलत आरोप लगाते हुए हस्तक्षेप भी देखा गया है।  
 
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आज नए कृषि कानूनों के लागू करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। आज सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने के साथ  इस मुद्दे को हल करने और बातचीत  के लिए चार  सदस्यीय कमेटी बना दी है। इस कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के बाद भूपेंद्र सिंह मान, कृषि एक्सपर्ट अशोक गुलाटी, महाराष्ट्र के शेतकारी संघटना के अनिल घनवत और डॉ. प्रमोद कुमार जोशी को शामिल किया गया है।  
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