बवाल के बाद किसान आंदोलन में फूट, UP के दो संगठन आंदोलन से अलग हुए, राकेश टिकैत पर लगाए आरोप
नई दिल्ली। 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के नाम जो हिंसा और तांडव मचा, उसके बाद किसान आंदोनल में फूट पड़ गई है। उत्तरप्रदेश के दो बड़े संगठनों ने आंदोलन से अलग होने का ऐलान कर दिया है।
ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-आर्डिनेशन कमेटी के वी एम सिंह ने कहा कि उनका संगठन मौजूदा आंदोलन से अलग हो रहा है क्योंकि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में आगे नहीं बढ़ सकते जिसमें कुछ की दिशा अलग है। उन्होंने कहा इस तरह आंदोलन नहीं हो सकता है।
वीएम सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत ने कभी उत्तरप्रदेश के किसानों की बात नहीं की। जिसने किसानों को उकसाया, उसके खिलाफ कार्रवाई हो। हम लोगों को पिटवाने नहीं आए थे। इस तरह आंदोलन नहीं चल सकता। बवाल की वजह से आंदोलन को नुकसान पहुंचा।
उन्होंने कहा कि मैं आंदोलन यहीं खत्म करता हूं। भारतीय किसान यूनियन (भानु) गुट ने भी किसान आंदोलन से अलग होने की घोषणा की।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि कल दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उससे बहुत आहत हूं। सिंह ने कहा कि हम 58 दिनों से चल रहे आंदोलन को समाप्त कर रहे हैं। भानु गुट चिल्ला बॉर्डर पर आंदोलन कर रहा था।