• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. करियर
  3. Exam Fever 2022
  4. CUET students of all boards will get equal opportunity
Written By
Last Updated : सोमवार, 4 अप्रैल 2022 (20:18 IST)

CUET: सभी बोर्ड के विद्यार्थियों को मिलेगा समान अवसर

CUET: सभी बोर्ड के विद्यार्थियों को मिलेगा समान अवसर - CUET students of all boards will get equal opportunity
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) से न तो बोर्ड परीक्षाओं की प्रासंगिकता समाप्त होगी और न ही इससे 'कोचिंग की संस्कृति' को बढ़ावा मिलेगा।
 
उन्होंने कहा कि स्नातक पाठ्यक्रम दाखिला प्रक्रिया में राज्य बोर्ड के छात्रों को नुकसान नहीं होगा, बल्कि सभी छात्रों को इससे समान अवसर मिलेगा। कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) अगले सत्र से एक साल में 2 बार सीयूईटी का आयोजन करने पर विचार करेगी। सीयूईटी का आयोजन कराने की जिम्मेदारी एनटीए की है।
 
कुमार ने एक साक्षात्कार में कहा कि सीयूईटी का काम केवल केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले तक ही सीमित नहीं होगा, क्योंकि कई प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों ने संकेत दिया है कि वे स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अंकों का इस्तेमाल करने के इच्छुक हैं।
 
उन्होंने कहा कि शुरुआत में इस साल सीयूईटी का एक बार आयोजन किया जाएगा, लेकिन एनटीए आगामी सत्र से साल में कम से कम 2 बार परीक्षा आयोजित करने पर विचार करेगी। प्रवेश परीक्षा केवल केंद्रीय विश्वविद्यालयों तक सीमित नहीं होगी, बल्कि निजी विश्वविद्यालय भी इसका इस्तेमाल करेंगे। कई प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों ने संकेत दिया है कि वे भी इससे जुड़ना चाहते हैं और सीयूईटी के जरिए छात्रों का दाखिला करने के इच्छुक हैं।
 
कुमार ने कहा कि टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान(टीआईएसएस) और जामिया हमदर्द सहित 8 डीम्ड-टू-बी (मानद) विश्वविद्यालयों ने भी स्नातक पाठ्यक्रम में छात्रों को प्रवेश देने के लिए सीयूईटी अंकों का उपयोग करने की इच्छा व्यक्त की है। मैंने यूजीसी से रखरखाव के लिए अनुदान प्राप्त करने वाले इन 8 मानद विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और निदेशकों के साथ कल एक बैठक की थी। बहरहाल, उन्होंने सीयूईटी को अपनाने में रुचि दिखाने वाले निजी विश्वविद्यालयों का नाम नहीं बताया।
 
कुमार ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा के अंक नहीं, बल्कि सीयूईटी के अंकों का उपयोग अनिवार्य होगा और केंद्रीय विश्वविद्यालय अपना न्यूनतम पात्रता मापदंड तय कर सकते हैं।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या इस परीक्षा से स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए 'कोचिंग संस्कृति' को बढ़ावा मिलेगा, कुमार ने कहा कि परीक्षा के लिए किसी कोचिंग की आवश्यकता नहीं होगी, इसलिए इससे कोचिंग संस्कृति को बढ़ावा मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता। परीक्षा पूरी तरह 12वीं के पाठ्यक्रम पर आधारित होगी। कई छात्रों को इस बात की चिंता है कि क्या परीक्षा में 11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम के भी सवाल पूछे जाएंगे, तो इसका स्पष्ट जवाब है 'नहीं'।
 
कुमार ने कहा कि राज्य बोर्ड के छात्रों को कोई नुकसान नहीं होगा और परीक्षा सभी बोर्ड के छात्रों को समान अवसर मुहैया कराएगी। विभिन्न आर्थिक पृष्ठभूमियों, देश के विभिन्न स्थानों से संबंध रखने वाले और क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा देने वाले ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों, सभी को समान अवसर मिलेगा।
 
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय बोर्ड परीक्षाओं का उपयोग योग्यता मानदंड के रूप में अब भी करेंगे। कुछ विश्वविद्यालय 60 प्रतिशत और कुछ विश्वविद्यालय 70 प्रतिशत की अनिवार्यता का विकल्प चुन सकते हैं, इसलिए बोर्ड परीक्षाओं के अप्रासंगिक हो जाने का सवाल पैदा नहीं होता। बहरहाल, 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर जोर देने की प्रवृत्ति निश्चित ही कम होगी। किसी छात्र के 98 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद भी किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला नहीं मिलने के मामले इसके बाद निश्चित ही कम होंगे।
 
एनटीए ने घोषणा की है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए सीयूईटी के लिए आवेदन प्रक्रिया 2 अप्रैल से शुरू होगी। एजेंसी ने कहा कि सीयूईटी देशभर के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाले छात्रों को एकल खिड़की अवसर प्रदान करेगा। उसने कहा कि सीयूईटी (यूजी) -2022 एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) प्रारूप में आयोजित की जाएगी।