आईपीएल और परीक्षाओं के कारण सिनेमाघर सूने पड़े हुए हैं इसके बावजूद हर हफ्ते ढेर सारी फिल्में रिलीज हो रही हैं। इनमें से ज्यादातर छोटे बजट की हैं। इन फिल्मों के निर्माता इसलिए अपनी फिल्मों को रिलीज कर रहे हैं क्योंकि उन्हें सिनेमाघर मिल रहे हैं और कोई भी बड़ी फिल्मों से उनकी टक्कर नहीं है।
26 मार्च को ‘हम तुम और घोस्ट’, ‘वेल डन अब्बा’, ‘प्रेम का गेम’, ‘माय फ्रेंड गणेशा 3’, ‘बदला नागिन का’ (डब), ‘फिर वो ही डर’ (डब), ‘आज का नया खिलाड़ी’ (डब), और ’दिलवाले - द ब्रेवहॉर्ट’ (डब) जैसी फिल्मों का प्रदर्शन हुआ। इनमें से एक भी फिल्म अच्छी शुरुआत नहीं ले सकी।
थोड़ी उम्मीद अरशद वारसी की ‘हम तुम और घोस्ट’ तथा श्याम बेनेगल की ‘वेल डन अब्बा’ से थी, लेकिन इन फिल्मों को भी दर्शकों का प्यार नहीं मिल रहा है। हालाँकि ‘वेल डन अब्बा’ की समीक्षकों ने तारीफ की है।
19 मार्च को प्रदर्शित हुई फिल्मों में ‘लव, सेक्स और धोखा’ ही कुछ हद तक ठीक व्यवसाय कर पाई और वो भी चुनिंदा शहरों में। ज्यादातर जगह इसका प्रदर्शन खास नहीं रहा, लेकिन कम लागत का फायदा इसे मिल सकता है।
विक्रम भट्ट की ‘शापित’ पूरी तरह नाकाम रही। हॉरर फिल्मों का विक्रम का फॉर्मूला नहीं चल पाया। सबसे ज्यादा निराशा आदित्य नारायण को हुई होगी, जिन्होंने अभिनय की दुनिया में इस फिल्म के जरिये शुरुआत की थी।
‘लाहौर’ ने बमुश्किल एक सप्ताह पूरा किया, जबकि ‘इडियट बॉक्स’ को तो कई सिनेमाघरों से दो-तीन शो बाद उतार दिया गया। वजह? कोई भी इसे देखने ही नहीं आया।
2 अप्रैल को भी कई फिल्मों का प्रदर्शन होगा, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इनमें से कोई भी हलचल मचाएगी, इसकी उम्मीद कम ही नजर आती है।