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Written By Author संदीपसिंह सिसोदिया

आम आदमी के ‘खास’ राष्ट्रपति

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की विदाई पर विशेष

आम आदमी के ‘खास’ राष्ट्रपति - आम आदमी के ‘खास’ राष्ट्रपति
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भारत के अब तक के सर्वाधिक लोकप्रिय व चहेते राष्ट्रपतियों में से एक डॉ. अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम ने तमिलनाडु के एक छोटे से तटीय शहर रामेश्वरम में अखबार बेचने से लेकर भारत के राष्ट्रपति पद तक का लंबा सफर तय किया है। अब वे राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय में छात्रों को पढ़ाने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। उनका सपना है कि वे छोटे बच्चों और हाईस्कूल के छात्रों में वैज्ञानिक सोच पैदा कर सकें और देश में वैज्ञानिक संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर सकें।

बचपन से ही संघर्ष -

“पृथ्वी उसी की है जिसका यह विशाल और अनंत आकाश है। जिसमें सारे सागर समाहित हैं और वह फिर भी उस छोटे से जलकुंड में निवास करता है...” (अथर्ववेद) - विंग्स ऑफ फायर से उद्धृत

चेन्नई से करीब 300 किलोमीटर दूर 15 अक्टूबर 1931 में रामेश्वरम में जन्मे अब्दुल कलाम का बचपन काफी गरीबी में बीता। संघर्षशील कलाम ने अपने परिवार को सहारा देने के लिए कई साल हर सुबह अखबार भी बेचे। अपने सपनों को ऊँची उड़ान देने के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्‍यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।

देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद से मुक्त हो रहे कलाम को बचपन से ही आकाश में उड़ते विमानों में गहरी रुचि रही। भारतीय संस्कृति के प्रति उनके मन में शुरू से ही अनुराग रहा। बचपन से ही आकाश एवं पक्षियों के उड़ने के रहस्यों के प्रति बहुत ही आकर्षित रहे कलाम ने निश्चय किया कि एक दिन मैं भी आकाश में ऐसी ही उड़ानें भरूँगा और वास्तव में कालांतर में उड़ान भरने वाले वे रामेश्वरम के पहले बालक बने'

शिक्षकों ने किया चरित्र निर्माण
अपने जीवन मे अब्दुल कलाम अपने हाईस्कूल शिक्षक अयादुर सोलोमन से बहुत प्रभावित रहे। सोलोमन ने ही उन्हें सिखाया कि जो कुछ भी तुम चाहते हो, उसके लिए तुम्हें तीव्र कामना करनी होगी, फिर निश्चित तौर पर तुम उसे पा सकोगे। वे अकसर कहा करते थे "निष्ठा एवं विश्वास से तुम अपनी नियति बदल सकते हो"।

गणित के शिक्षक द्वारा बेंत से कलाम की पिटाई भी की गई, मगर कई महीनों बाद जब गणित में कलाम के सबसे ज्यादा नंबर आए तो उनके गणित शिक्षक ने प्रार्थना सभा में सबके सामने वह घटना सुनाते हुए कहा "मैं बेंत से जिसकी पिटाई करता हूँ, वह महान बनता है। मेरे शब्द याद रखिए। यह छात्र विद्यालय व अपने शिक्षकों का गौरव बनने जा रहा है।' उनके द्वारा की गई यह भविष्यवाणी कालांतर में सत्य सिद्ध हुई।

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मिसाइल मैन -
अब्दुल कलाम भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं। रामायण से प्रेरित डॉ. कलाम का सिद्धांत ‘अपनी सुरक्षा खुद करो’ का रहा है। विदेशों से आत्मरक्षा के हथियारों पर निर्भर रहने के बजाय उन्होंने ऐसी स्वदेशी हथियार प्रणाली का विकास करने पर जोर दिया, जिसमें किसी भी तरह की विदेशी निर्भरता की आवश्यकता नहीं रहे। उनका हमेशा कहना रहा है कि आत्मरक्षा के लिए हथियारों का आयात कर छोटा रास्ता अपनाने के बजाय हमें इस दिशा में आत्मनिर्भर बनना चाहिए।

इस मूलमंत्र के साथ ही अब्दुल कलाम ने भारत के लिए खुद ही हथियार विकसित करने के कार्यक्रम पर जोर दिया और ‘अग्नि’ मिसाइल कार्यक्रम के प्रेरणास्रोत बने, जिसके लिए 1997 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया।

सर्वधर्म एक समान -
भारत विभिन्न धर्मों व संस्कृतियों वाला एक विशाल देश है। इस महान राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाले महामहिम कलाम का कुरान और गीता पर समान अधिकार है। तिरुवल्लूर की रचनाएँ पसन्द करने वाले कलाम गीता के उपदेशों व कुरान की आयतों की व्याख्या बड़ी सहजता से करते हैं।

गीता के ही उपदेशों के अनुरूप उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि 'सपनों को विचारों में और उन विचारों को असलियत में बदलना चाहिए’।
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स्वदेशी सदा सही-
आत्मनिर्भरता के कट्टर समर्थक कलाम के ही प्रयास थे कि अमेरिका के सुपर कंप्यूटर और रूस के क्रायोजेनिक अंतरिक्ष तकनीक देने से इन्कार करने के बाद भारत ने परमाणु क्षमता विकसित करने के लिए खुद ही अपना रास्ता तलाश किया है।

सौ फीसदी देशी कलाम -
1998 में परमाणु परीक्षण करने के बाद उनसे एक अमेरिकी पत्रकार ने पूछा कि क्या उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई की है, इस पर अब्दुल कलाम का जवाब था 'जी नही, मैं 100 प्रतिशत देशी हूँ'।

उन्होंने इस बात पर भी कड़ा एतराज जताया था जब अख़बारों में 60 के दशक में अमेरिका में की गई उनकी चार महीने की यात्रा को प्रशिक्षण के लिए किया गया दौरा बताया गया, जबकि वे उस वक़्त वहाँ के विभिन्न अंतरिक्ष संस्थानों का दौरा करने गए थे।

विशेष सम्मान-
कलाम तमिलभाषी मुसलमान हैं लेकिन मुसलमान होने के बावजूद उनके परिवार को रामेश्वरम के मंदिर में विशेष सम्मान मिला हुआ है। कहा जाता है कि एक बार जब रामेश्वरम की मूर्ति पानी में गिर गई थी तो कलाम के ही एक पूर्वज उसे पानी से निकाल कर बाहर लाए थे, इसीलिए उनके परिवार को इस सम्मान से नवाजा गया है।

सार्थक सफर -
डॉ. कलाम 20 साल तक भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन यानी इसरो में कार्यरत रहे व लगभग 20 साल तक रक्षा शोध और विकास संगठन यानी डीआरडीओ में भी उन्होंने कार्य किया।

वे 10 साल तक डीआरडीओ के अध्यक्ष रहे। डॉ. कलाम जुलाई 1992 से दिसंबर 1999 तक रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे। इसी अवधि में पोकरण में परमाणु परीक्षण किया तथा भारत का शुमार विश्व की परमाणु शक्तियों में हुआ।

महत्वकांक्षी मिसाइल कार्यक्रम के जनक -
अब्दुल कलाम के कार्यकाल की सबसे बड़ी सफलता इसरो के अपने अनुभव को इस्तेमाल कर भारत के महत्वकांक्षी मिसाइल विकास कार्यक्रम की शुरुआत करना है। इनमें आणविक क्षमता वाली 2300 किलोमीटर तक मार करने वाली मध्यम दूरी की अग्नि-दो मिसाइल शामिल है।

धरती से धरती पर मार करने वाली पृथ्वी मिसाइल और धरती से आकाश में मार करने वाली दो मिसाइलें- मध्यम दूरी की आकाश और छोटी दूरी की त्रिशूल और नाग शामिल हैं। तीसरी पीढ़ी के टैंक भेदी हथियार पिनाक भी इसी कार्यक्रम के अंतर्गत विकसित किए गए हैं।

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संगीत में भी सिद्धहस्त
रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में शिखर पर पहुँचे अब्दुल कलाम संगीत में भी खासी रुचि रखते हैं। उन्हें एकांत में वीणावादन बहुत पसंद है। तमिल कविताओं में भी उनकी गहरी रुचि है।

कुछ खास बातें
• भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक व तीसरी पीढ़ी के लड़ाकू विमान सुखोई एमकेआई-30 में उड़ान भरने वाले पहले राष्ट्रपति।
• भारतीय जलसेना की पनडुब्बी (सबमरीन) में यात्रा करने वाले पहले राष्ट्रपति।
• सियाचिन ग्लेशियर पर भी कई बार दौरा कर फौज का मनोबल बढाया।
• चीन के दौरे में देखने वालों की भारी भीड़।
• पुतिन, टोनी ब्लेयर, जॉर्ज बुश जैसे नेता भी मिलने को आतुर रहते थे।

किताबें -
कलाम ने सामाजिक, टेक्नॉलाजी व अन्य कई विषयों पर बहुत सी किताबें भी लिखी हैं, जिन्हें बहुत सराहा भी गया -
इंडिया 2020 : ए विजन फोर द न्यू मिलेनियम - 2003
इंडिया माई ड्रीम - 2004 इनविजनिंग एन एमपॉवर्ड नेशन: टेक्नोलॉजी पॉर सोशल ट्रांसफार्मेशन - 2004
गाइडिंग सोल्स: डायलॉग्स ऑन द परपज ऑफ लाइफ - 2005

बायोग्राफी -
विंग्स ऑफ फायर - 1999 इग्नाइटेड मांड्स - एनलीशिंग द पॉवर विद इन इंडिया - 2003
साइंटिस्ट टू प्रेसिडेंट - 2003 इटर्नल क्वेस्ट - लाइफ एंड टाइम्स ऑफ एपीजे अब्दुल कलाम - 2002
एपीजे अब्दुल कलाम - द विजिनरी ऑफ इंडिया

एक बार राष्ट्रपति कलाम ने एक बालिका से पूछा- ‘तुम्हारा क्या सपना है?’ बालिका ने उत्तर दिया ‘विकसित भारत में रहने का’। इस जवाब से अभिभूत होकर उन्होंने अपनी पुस्तक इंडिया 2020 : ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम उसी बालिका को समर्पित कर भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।

कभी हथियारों के प्रवर्तक रहे कलाम ने हाल ही में शस्त्रहीन विश्व की कामना की है, कलाम ने अपनी पुस्तक ‘विंग्स ऑफ फायर‘ में कुरान की एक आयत को उद्धृत किया है-
“हम ही सृजन और विनाश करते हैं, पुनः सृजन करते हैं,
पर किस रूप में करते हैं, यह खुद हमें नहीं पता होता है...” (अल वाक्याह कुरान 56:61)