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Last Updated : गुरुवार, 30 जून 2016 (13:12 IST)

बहुत अधिक बीमार है 'सिक मैन ऑफ यूरोप'

बहुत अधिक बीमार है 'सिक मैन ऑफ यूरोप' - Turkey sick man of europe
विश्व इतिहास में तुर्की को 'सिक मैन ऑफ यूरोप' कहा जाता है लेकिन तुर्की के यूरोपीय संघ में शामिल होने से पहले ही यह बहुत अधिक बीमार मालूम होता है। तुर्की के बड़े शहरों में से एक इस्तांबुल के अतातुर्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बुधवार (29 जून) को हुए एक बम हमले में 40 से ज्यादा  लोगों की मौत हो गई। 
विदित हो कि हमलावरों में तीन हमलावरों ने जहां खुद को विस्फोट से उड़ा दिया तो बाकी अन्य हमलावरों ने गोलियां बरसाईं। इस आत्मघाती हमले में 90 लोग घायल भी हुए हैं। तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली युलदरम ने कहा है कि मृतकों में कुछ विदेशी नागरिक भी हो सकते हैं।
 
तुर्की एक प्रमुख इस्लामी देश है जहां पर अराजकता की स्थिति बनी रहती है, इसलिए यहां पर बम विस्फोटों में बडे पैमाने पर मौते और तबाही इस देश के बारे में यह बात सार्थक करती है जो लोग तलवार रखते हैं, वे ही तलवार के घाट उतारे जाते हैं।  
 
तुर्की में हाल के समय में हिंसा, मौत और बर्बादी का एक लम्बा इतिहास रहा है और इतिहास का यह सिलसिला थमता नजर नहीं आता है। 
तुर्की में कब-कब और कहां-कहां हुए विस्फोट... पढ़ें अगले पेज पर...
 

सात जून 2016 को इस्तांबुल में हुए एक कार बम धमाके में सात पुलिसकर्मियों और चार आम लोगों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी कुर्द आतंकवादी संगठन टीएके (तुर्किस्तान फ्रीडम फाल्कन्स) ने ली थी। 
 
इसी तरह 19 मार्च 2016 को इस्तांबुल के एक बाजार में हुए आत्मघाती हमले में चार लोगों की मौत हो गई। हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी, जबकि तुर्की सीरिया और इराक में आईएस को मजबूत बनाने का प्रमुख साझीदार रहा है।  
 
13 मार्च 2016 को राजधानी अंकारा में हुए एक कार बम धमाके में 34 लोगों की मौत हुई थी और इस हमले की जिम्मेदारी भी कुर्द आतंकवादी संगठन टीएके ने ली। विदित हो कि कुर्द इराक, ईरान और तुर्की में कुर्द बहुत इलाकों को कुर्दिस्तान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 17 फरवरी 2016 में राजधानी अंकारा में सेना की बसों पर किए गए हमले में 29 लोगों की मौत हुई और इस बार भी कुर्दिश आतंकवादी संगठन टीएके ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। उल्लेखनीय है कि टीएके एक राजनीतिक दल कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) की आतंकवादी शाखा है। 
 
12 जनवरी 2016 को इस्तांबुल के एक पर्यटक केंद्र पर सीरियाई आत्मघाती हमलावर के हमले में जर्मनी के 11 नागरिकों की मौत हो गई और 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ये लोग मुख्य रूप से पर्यटक थे जोकि प्राचीन पर्यटन स्थल सुल्तानामेट और इसकी नीली मस्जिद देखने के लिए आए थे। 
 
23 दिसंबर 2015 को इस्तांबुल के साबिया गाकसेन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए बम धमाके में एक सफाईकर्मी की मौत हो गई थी और इस हमले की जिम्मेदारी टीएके ने ली थी। इसके बाद 10 अक्टूबर 2015 को अंकारा के रेलवे स्टेशन के बाहर निकाली जा रही शांति रैली पर हुए हमले में 103 लोगों की मौत हुई थी और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली।
 
20 जुलाई 2015 को सीरियाई सीमा के निकट कुर्दिश कस्बे सुरूच में हुई आत्मघाती बमबारी में 34 लोगों की मौत हुई थी और करीब 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस हमले के लिए तुर्की के अधिकारियों ने आईएस को जिम्मेदार ठहराया था।
 
11 मई, 2013 को सीरिया की सीमा के पास रिहानली कस्बे में दो कार बमों से हमला किया गया था और इस हमले के लिए भी तुर्की ने सीरिया के सरकार समर्थक गुटों को दोषी बताया था।  
 
11 फरवरी 2013 को रिहानली कस्बे में एक सीरियाई मिनीबस में विस्फोट होने से 17 लोगों की मौत हो गई थी।
 
27 जुलाई, 2008 को इस्तांबुल में हुए दो बम विस्फोटों में 17 लोगों की मौत हुई थी और 115 लोग घायल हुए थे। तुर्की के अधिकारियों ने इसके लिए कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी को दोषी बताया था।
 
12 सितंबर, 2006 को कुर्दिश आबादी के सबसे बड़े शहर दियारबाकीर में एक बम विस्फोट में 10 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें मुख्य रूप से बच्चे शामिल थे।
 
इसी तरह, वर्ष 2003 में 15 नवंबर और 20 नवंबर को चार आत्मघाती कार बम हमलों में दो यहूदी पूजा स्थलों, एक ब्रिटिश कौंसुलेट और एक ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय बैंक एचएसबीसी को निशाना बनाया गया था जिसमें ब्रिटेन के कौंसुल जनरल समेत 63 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए थे। 
 
वर्ष 1999 में 13 मार्च के दिन इस्तांबुल के शापिंग मॉल पर फायरबम और विस्फोटकों के फेंके जाने से 12 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले की जिम्मेदारी पीपीके ने ली थी लेकिन बाद में यह संगठन अपने बयान से मुकर गया।
 
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