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Last Updated : मंगलवार, 26 जनवरी 2021 (17:39 IST)

लंबी दूरी की हवाई यात्रा के दौरान भी कोरोनावायरस से संक्रमण का खतरा : अध्ययन

corona virus | लंबी दूरी की हवाई यात्रा के दौरान भी कोरोनावायरस से संक्रमण का खतरा : अध्ययन
नई दिल्ली। अनुसंधानकर्ताओं ने दुबई से न्यूजीलैंड के बीच हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों पर किए अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि उड़ान से पहले जांच के बावजूद विमान में संक्रमण का खतरा है। 'जर्नल ऑफ इमर्जिंग इन्फेक्शस डिजीज' में प्रकाशित अनुसंधान पत्र के मुताबिक गत वर्ष 29 सितंबर को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई से न्यूजीलैंड आए 86 यात्रियों का अध्ययन किया गया जिनमें से 7 कोरोनावायरस से संक्रमित मिले।
न्यूजीलैंड स्थित ओटागो विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं सहित वैज्ञानिकों की टीम ने यात्रियों की यात्रा की जानकारी ली, बीमारी का आकलन किया, संक्रमण के संभावित स्रोत का पता लगाने के लिए वायरस के जीनोम आंकड़ों का भी अध्ययन किया। 
 
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक 5 यात्रियों ने दुबई में विमान पर सवार होने से पहले 5 अलग-अलग देशों से यात्रा शुरू की थी और रवाना होने से पहले हुई जांच में रिपोर्ट निगेटिव आई थी। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान एवं दुबई हवाई अड्डे से रवाना होने से पहले मास्क अनिवार्य नहीं था, हालांकि 5 यात्रियों ने स्वयं बताया कि विमान में उन्होंने मास्क एवं दस्ताने पहने हुए थे जबकि 2 ने ऐसा नहीं किया था। अध्ययन में यह भी पाया गया कि दुबई से ऑकलैंड की 18 घंटे की यात्रा के दौरान सातों संक्रमित 5 कतारों में आस-पास बैठे थे। 
अनुसंधान पत्र में वैज्ञानिकों ने लिखा कि दुबई हवाई अड्डे पर कोई संक्रमित यात्री एक-दूसरे के संपर्क में नहीं आया था। अध्ययन में बताया गया कि विमान में सवार सभी 86 यात्रियों को 14 दिनों के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन में रखा गया था और 3 बाद और फिर दोबारा 12 दिन बाद कोविड-19 जांच की गई। उन्होंने बताया कि 7 संक्रमितों के नमूनों से भी वायरस के जीनोम का पता किया गया। 
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक 7 में से 1 यात्री में सबसे पहले 1 अक्टूबर को संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए। उसका कहना था कि उड़ान के दौरान वह संक्रमित हुआ जबकि दूसरा संक्रमित इसका सहयात्री था। उन्हें तीसरे संक्रमित में लक्षण नहीं मिले जबकि 3 अन्य यात्री भी समान रूप से विमान में संक्रमण के शिकार हुए। इन आकंड़ों के आधार पर अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि इनमें से एक यात्री अनिवार्य क्वारंटाइन के दौरान उसी कमरे में मौजूद दूसरे व्यक्ति से संक्रमित हुआ था।
 
वैज्ञानिकों ने लिखा कि दुबई से ऑकलैंड की उड़ान में संक्रमण के सबूत की पुष्टि महामारी से जुड़े आंकड़े, विमान में बैठने की जगह, लक्षण के दिन और इन यात्रियों में पाए गए वायरस के जीनोम करते हैं, जो सार्स-कोव-2 से संक्रमित पाए गए थे। यह संक्रमण विमान में उनके द्वारा मास्क और दस्ताने पहनने के बावूजद हुआ। हालांकि सीमित अध्ययन को रेखांकित करते हुए वैज्ञानिकों ने अन्य जगहों पर संक्रमण, जैसे दुबई हवाई अड्डे पर विमान में सवार होने से पहले-से पूरी तरह से इंकार नहीं किया है। (भाषा)
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