बांद्रा में जमा भीड़ के मामले में टीवी चैनल का पत्रकार गिरफ्तार
मुंबई। विशेष ट्रेनों के शुरू होने संबंधी खबर को लेकर बुधवार को यहां एक समाचार चैनल के संवाददाता को गिरफ्तार कर लिया गया। कहा गया है कि इसी खबर के कारण बांद्रा में मंगलवार को लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी राहुल कुलकर्णी को मराठवाड़ा के उस्मानाबाद से हिरासत में लिया गया जहां का वह निवासी है। उसे मुंबई लाया गया और औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।
एक मराठी समाचार चैनल में कार्यरत कुलकर्णी की गिरफ्तारी की सूचना राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी।
देशमुख ने कहा कि पुलिस ने खबर प्रसारित करने के लिए पत्रकार राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार कर लिया, जिस खबर की वजह से अफवाह फैल गई थी।
कुलकर्णी ने हाल ही में एक खबर में कहा था कि लॉकडाउन के कारण फंसे हुए लोगों के लिए जन साधारण विशेष ट्रेनों का परिचालन फिर शुरू किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि कुलकर्णी पर भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार को 1000 से ज्यादा प्रवासी मजदूर एकत्रित हो गए थे जिनमें अधिकतर बिहार, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल से थे। वे राज्य सरकार से परिवहन व्यवस्था की मांग कर रहे थे ताकि अपने अपने घर लौट सकें।
ट्रेनों के बारे में गलत सूचना 11 तरीकों से फैलाई गई : महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि ट्रेन सेवाएं शुरु होने के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए 11 अलग-अलग तरीकों का उपयोग किया गया और यह प्रवासी मजदूरों के एकत्रित होने का एक कारण था।
देशमुख ने कहा कि इन घटनाओं के मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा रही हैं और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, 14 अप्रैल, 2020 से ट्रेनों की शुरुआत के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए 11 अलग-अलग तरीकों का उपयोग किया गया। (सोशल मीडिया) खातों का पता लगाया गया है। प्राथमिकी दर्ज की जा रही हैं और इसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अफवाहों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आरिफ नसीम खान ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन के मद्देनजर उनके गृह राज्यों को भेजने के लिए तैयार है लेकिन संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री उन्हें स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
खान का यह बयान मंगलवार को बांद्रा में प्रवासी मजदूरों के एकत्रित होने की पृष्ठभूमि में आया है। इनमें से अधिकतर मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से थे। (भाषा)